'काशी के कोतवाल' के दर पर पहुंचे शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, PM मोदी के नामांकन में लेंगे हिस्सा
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से अपना नामांकन करेंगे। इससे पहले गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी में रोड शो किया था, जिसमे काफी बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे और आज भी उनके नामांकन के दौरान एनडीए अपनी पूरी शक्ति दिखाएगा इसलिए आज सुबह पीएम के नामांकन में हिस्सा लेने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी वाराणसी पहुंचे, काशी की धरती पर पैर रखने के बाद उद्धव सीधे 'काशी के कोतवाल' कहे जाने वाले 'बाबा काल भैरव' के दर्शन करने पहुंचे, जहां उन्होंने सुबह-सुबह विधिवत पूजा-अर्चना की और 'बाबा काल भैरव' का आशीर्वाद लिया।
उद्धव ठाकरे ने काल भैरव मंदिर में की पूजा-अर्चना
मान्यता है कि काशी में काल भैरव को स्वयं महादेव ने नियुक्त किया था, काशी में रहने के लिए हर व्यक्ति को 'बाबा भैरव' की अनुमति लेनी पड़ती है और इसलिए मोदी ने भी गुरुवार को 'काल भैरव' की पूजा की थी। खास बात ये है कि यह एक ऐसे भगवान हैं, जहां पर हर तरह का चढ़ावा चढ़ता है, चाहे वह टॉफी, बिस्किट, मिठाई, गांजा-भांग, यहां तक की शराब ही क्यों ना हो, माना जाता है कि इनका दर्शन किए बगैर विश्वनाथ का दर्शन अधूरा माना जाता है।
रोड शो में बीजेपी ने किया शक्ति प्रदर्शन
अपने रोड शो के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर आप लोगों की इजाजत हो तो मैं कल पर्चा भर दूं। जिसके बाद काफी बड़ी संख्या में लोग मोदी-मोदी के नारे लगाने लगे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए देशहित के अलावा किसी और का हित नहीं सोचूंगा। चाहेंगे वो पुलवामा का संकेत हो, उरी की घटना हो या फिर मेरे जीवन का अन्य कोई पल, मेरा एक ही मंत्र है और वही मंत्र लेकर मैं जिया हूं, इंडिया फर्स्ट।
काशी ने मुझे सिर्फ एमपी ही नहीं बल्कि पीएम बनने का आशीर्वाद दिया: पीएम
पीएम ने कहा कि काशी ने मुझे सिर्फ एमपी ही नहीं बल्कि पीएम बनने का आशीर्वाद दिया। मुझे 130 करोड़ भारतीयों के विश्वास की ताकत दी। समर्थ, सम्पन्न और सुखी भारत के लिए विकास के साथ-साथ सुरक्षा अहम है। साथियों, मेरा ये मत रहा है कि परिवर्तन तभी सार्थक और स्थायी होता है, जब जन-मन बदलता है। इस जन-मन को साधने के लिए तपस्या करनी पड़ती है।
भारत भी तपस्या के दौर में है: पीएम मोदी
मैं मानता हूं कि इस समय भारत भी तपस्या के दौर में है। वो खुद को साध रहा है और इस साधना में हम सब एक सेवक हैं, साधक हैं। जो सपना मन में है वो पूरा हो गया ऐसा मैं कभी दवा नहीं करता हूँ लेकिन उस सपने को पूरा करने की दिशा में हमारा रास्ता और रफ़्तार सही है ये मैं ज़रूर कह सकता हूं।
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