'झांसी की रानी' भी हुईं रंगभेद की शिकार, कहा-डायरेक्टर को गोरी लड़की चाहिए
'झांसी की रानी' शो से घर-घर में मशहूर हुईं अभिनेत्री उल्का गुप्ता ने एक इंटरव्यू में कहा कि वो जब 7 साल की थीं तो उन्हें रंगभेद का शिकार होना पड़ा था।
मुंबई। अक्सर हम मॉडलिंग और फिल्मी क्षेत्र में करियर बनाने वालों के मुंह से रंगभेद की बातें सुनते आए हैं और एक बार फिर से एक टीवी अभिनेत्री ने इस कड़वे सच की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित किया है।
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टीवी के मशहूर शो 'झांसी की रानी' से घर-घर में मशहूर हुईं अभिनेत्री उल्का गुप्ता ने एक इंटरव्यू में कहा कि वो जब 7 साल की थीं तो उन्हें रंगभेद का शिकार होना पड़ा था।
बचपन से ही एक्टिंग का काफी शौक
उल्का ने बताया कि उन्हें बचपन से ही एक्टिंग का काफी शौक था लेकिन उन्हें उस समय धक्का लगा जब उन्हें रंगभेद जैसे शब्द का पता चला। उन्होंने बताया कि7 साल की छोटी उम्र में वो 'रेशम डंक' से छोटे पर्दे पर बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट डेब्यू किया था लेकिन यह शो लो टीआरपी की वजह से छह महीने में ही ऑफ एयर चला गया था।
गोरी लड़कियां अप-मार्केट
इसके बाद वो जहां भी अपने पापा के साथ ऑडिशंस देने जाते तो उन्हें सुनने को मिलता था कि वो काली हैं। डायरेक्ट गोरी लंड़की तलाश में रहते थे क्योंकि उनका मानना था कि गोरी लड़कियां अप-मार्केट होती हैं इसलिए उन्हें अपने सांवले रंग की वजह से कई बार रिजेक्ट होना पड़ा।
'झांसी की रानी'
मालूम हो कि उल्का गुप्ता ने ज़ी टीवी के लोकप्रिय धारावाहिक 'झांसी की रानी' में छोटी लक्ष्मीबाई का किरदार निभाया था।
बिहार की मूल निवासी
बिहार की मूल निवासी उल्का कहती हैं कि फिल्मों में उनके दोस्त व गाइड पापा हैं। पापा उनके रोल मॉडल हैं।
मेरे पापा ग्रेट
उल्का कहती हैं, 'मेरे पापा ग्रेट हैं। उन्होंने अपने और मेरे सपने को सच करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी। मेरी सफलता सही में पापा की सफलता है।'