PM मोदी और सोनिया गांधी का अभिवादन! राजनाथ सिंह,फारूख अब्दुल्ला, मुलायम सिंह ने एकसाथ बैठ बढ़ाई संसद की गरिमा
नई दिल्ली, 7 अप्रैल। बजट सत्र की तीखी बहस के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैं पर कुछ तस्वीरें साझा की हैं। जिसके बाद ये तस्वीरें वायरय हो रही हैं। हलांकि यह संसदीय औपचारिकता है। आमतौर पर किसी मुद्दे पर तीखी बहस के बाद राजनेताओं को आपस में शिष्टाचार से मिलते देखा जाता है। यही भारतीय राजनीति की विशिष्ट पहचान भी है। आइए देखतें वो तस्वीरें जो लोगों को आमतौर पर बहुत ही कम देखने को मिलती हैं। इन तस्वीरों को दुर्लभ कहा जा सकता है। क्योंकि यह अवसर कम ही आता है जब हम धुर विरोधी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ कभी बैठे पाते हों।

संसद की गरिमा को दर्शाती हैं ये दुर्लभ तस्वीरें
संसद के बजट सत्र के दौरान कुछ दिलचस्प तस्वीरें देखने को मिल रही हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडस से कई तस्वीरें शेयर की हैं। जिसमें एक तस्वीर ऐसी है जो भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की गरिमा को दर्शाती है।

लोकसभा अध्यक्ष ने शेयर की तस्वीरें
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के ट्वीटर हैडल से शेयर की तस्वीरों में कुछ बेहद ही खास हैं। एक तस्वीर ऐसी है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी हैं। जिसमें वे पीएम मोदी को वे अभिवादन कर रही हैं। पीएम के बगल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी बैठे हैं।

मुलायम सिंह भी बैठक में शामिल
लोकसभा अध्यक्ष की ओर से दूसरी जो तस्वीर शेयर की गई है उसमें समाजवादी पार्टी के संरक्षक सांसद मुलायम सिंह बैठे हैं। इसमें अन्य राजनीतिक दलों के भी नेता हैं। सभी से पीएम और रक्षा मंत्री राजनाथ व लोकसभा अध्यक्ष के साथ बैठक कर रहे हैं।

ओम बिरला के आह्वान पर एकसाथ बैठे नेता
संसद का बजट सत्र गुरुवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। जिसके बाद सभी दलों के नेताओं के साथ एक बैठक की गई। जिसकी लोकसभा अध्यक्ष ने ये सभी तस्वीरें शेयर की। बैठक में उपस्थित लोगों में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव शामिल थे।

संसदीय गरिमा बढ़ाने के लिए हुई बैठक
लोकसभा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने के बाद लोकसभा अध्यक्ष की ओर से सभी राजनीतिक दलों के नेताओं एक आग्रह किया गया। जिममें कहा गया कि सदन की गरिमा को बढ़ाने के लिए चर्चा और संवाद के स्तर को और बढ़ाने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं। जिसके तहत सभी राजनीतिक दलों के नेता एकत्र हुए।