दिल्ली मैक्स अस्पताल की कोरोना के इलाज संबंधी रेटलिस्ट फोटो हुई वायरल, अस्पताल ने दी ये सफाई
दिल्ली मैक्स अस्पताल में कोरोना के इलाज की मोटी फीस वाली रेटलिस्ट की फोटो हुई वायरल, अस्पताल ने दी सफाई
नई दिल्ली। देशभर में कोरोना वायरस के मरीजों का आंकड़ा तीन लाख पार कर चुका हैं। वहीं 8800 से ज्यादा लोगों की जान इस वायरस के कारण अब तक जा चुकी है। इसी बीच हैरान कर देने वाली एक न्यूज सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही हैं। ये दिल्ली के मैक्स अस्पताल की न्यूज हैं जिसमें पोस्टर पर दिखाया गया हैं कि मैक्स अस्पताल कोरोना का उपचार करने के लिए बहुत मोटी फीस वसूल रहा हैं। इस फीस की तस्वीर वायरल होने के बाद मैक्स हेल्थकेयर ने पटपड़गंज (दिल्ली) के मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में कोविड-19 के इलाज की फीस की स्पष्टीकरण दिया है। मैक्स हेल्थकेयर ने कहा कि जिस रेटकार्ड में ₹25,090-₹72,550/दिन शुल्क लिखा है उसमें सभी तथ्य शामिल नहीं हैं। मैक्स हेल्थकेयर ने बताया कि उस फीस में नियमित टेस्ट, दवाएं, नर्स-कंसल्टेंट, आहार, पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी शुल्क भी शामिल हैं।
ये हैं रेट लिस्ट
बता दें जो मैक्स अस्पताल के रेटकार्ड की तस्वीर वायरल हुई उसमे लिखा हैं कि मैक्स अस्पताल में जर्नल वॉर्ड के लिए 25,090 रुपये प्रतिदिन , रूटीन वॉर्ड (Twin Sharing) के लिए 27,190 रुपये प्रतिदिन, आइसोलेशन के प्रवाइवेट रूम लिए जो की एक रूटीन वार्ड होगा इसके लिए 30490 रुपये प्रतिदिन देना होगा। बिना वेंटिलेटर वाले आईसीयू के लिए 53050 रुपये प्रतिदिन देना होगा। वहीं आइसीयू और वेंटिलेटर दोनो की सुविधा के लिए एक दिन का चार्ज 72,550 रुपये लगेगा। जिसको अगर काउंट किया जाए तो जर्नल वॉर्ड में कोई कोरोना मरीज 14 दिन के लिए रहता है तो उसे 3,51260 रुपये का भुगतान करना होगा। वहीं आईसीयू और वेंटिलटर की सुविधा लेने वाले मरीज को 14 दिन के लिए 10,15,700 रुपये का भुगतान करना होगा।
रेटलिस्ट देखकर लोगों ने जताई नाराजगी
इस संकट की घड़ी में जब लाखों लोग बेरोजगार हो चुके हैं ऐसे दौर में मैक्स अस्पताल द्वारा लाखों रुपये की फीस लिए जाने से आम जनता में नाराजगी जाहिर की। सोशल मीडियाी पर मैक्स अस्पताल को लोग जमकर खरी-खोटी सुना रहे हैं।
मनमानी फीस लेने वसूलने पर हाईकोर्ट में डाली गई थी याचिका लेकिन
आपको बता दें प्राइवेट हॉस्पिटल द्वारा मनमानी फीस लेने के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका भी डाली गई थी, जिस पर निर्देश देने से कोर्ट ने इनकार कर दिया है। याचिका में यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया था कि कोविड-19 के लिए चिन्हित कोई भी निजी अस्पताल मरीजों से अत्यधिक शुल्क न वसूले और ना ही धन की कमी के कारण उनका इलाज करने से इंकार न करें। मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने कहा कि हालांकि याचिका में उठाया गया मुद्दा अच्छा है, लेकिन वह जनहित मुकदमे में कोई ऐसा आदेश पारित नहीं कर सकते जिसे लागू करना मुश्किल हो जाए। पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई के दौरान कहा इस समय हम कोई निर्देश जारी नहीं करना चाहते।
दिल्ली में हर दिन बढ़ रहे कोरोना केस
आपको बता दें कि भारत अब दुनिया का ऐसा चौथा देश बन गया है, जहां कोरोना वायरस के केस 3 लाख से ज्यादा हो चुके हैं। दिल्ली में अब तक 36,824 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं और अब तक1,214 की मौत हो चुकी हैं। देश मे कोरोना वायरस के कारण महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा स्थिति खराब है, जहां मरीजों की संख्या 1 लाख का आंकड़ा छू चुकी है। महाराष्ट्र में शुक्रवार को ही 3493 नए मामले रिपोर्ट किए गए, जिसके बाद कुल पॉजिटिव केस बढ़कर 1,01,141 हो गए। इनमें 1372 नए केस अकेले मुंबई में मिले हैं। मुंबई हो दिल्ली सरकार के तमाम दावों के बावजूद कोरोना मरीजों को इलाज करवाने में ऐसे ही प्राइवेट अस्पतालों में धनउगाही की जा रही हैं। इतना ही नहीं देश की राजधानी होने के बावजूद कोरोना मरीजों को अस्पताल मिलने में ऐसी कई तकलीफ उठानी पड़ रही हैं।
Study: कोरोनावायरस से बचाव में सोशल डिस्टेंसिंग से भी ज्यादा कारगर साबित हो रहा मास्क, जानें कैसे