सूरत के 'मेहुल चोकसी' ने पीएम नरेंद्र मोदी पर लिखा शोध पत्र
नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक को करोड़ों रुपए का चूना लगाने वाला मेहुल चोकसी देश से फरार चल रहा है। ऐसे में मेहुल चोकसी का नाम सुनते ही दिमाग में पंजाब नेशनल बैंक घोटाला सामने आता है। लेकिन गुजरात का एक और मेहुल चोकसी अलग वजह से चर्चा में है। दरअसल सूरत के रहने वाले मेहुल चोकसी ने बतौर गुजरात के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उपर शोध पत्र लिखा है। उन्होंने पीएचडी की पढ़ाई के दौरान अपना शोध पत्र दाखिल किया है।
सूरत के रहने वाले
यह काफी दिलचस्प है कि पीएचडी के इस शोधकर्ता का नाम भी मेहुल चोकसी है और वह भी गुजरात के सूरत से है। छात्र ने राजनीतिक शास्त्र में मास्टर की डिग्री हासिल की है और उसने गुजरात के वीर नर्माद साउथ गुजरात यूनिवर्सिटी से अपनी पीएचडी पूरी की। मेहुल चोकसी ने 'लीडरशिप अंडर गवर्नमेंट- केस स्टडी ऑफ नरेंद्र मोदी' थीसिस जमा की है। अपने शोध के लिए चोकसी ने 450 लोगों का साक्षात्कार किया है, जिसमे उसने सरकारी अधिकारियों, किसानों, छात्रों और राजनेताओं से बात की।
कई सवाल पूछे
समाज के हर वर्ग के लोगों से मेहुल चोकसी ने इन तमाम लोगों से कुछ सवाल पूछे थे। अपने शोध पत्र के बारे में चोकसी का कहना है कि जो सवाल मैंने तैयार किए थे उसमे कुल 32 सवाल थे। 450 लोगों के जवाब में यह बात सामने आई है कि पीएम मोदी का भाषण काफी आकर्षक हैं। 450 लोगों से 25 फीसदी लोगों को पीएम मोदी का भाषण लुभावना लगता है। जबकि 48 फीसदी लोगों का मानना है कि पीएम मोदी का राजनीतिक प्रचार सबसे बेहतर है।
पीएम बनने के लिए यह जरूरी
मेहुल चोकसी पेशे से वकील भी हैं और वह नीलेश जोशी के मार्गदर्शन में गुजरात विश्वविद्यालय के आर्ट्स विभाग से पीएचडी की पढ़ाई पूरी की। चोकसी ने अपनी पीएचडी 2010 में शुरू की थी। चोकसी ने बताया कि 81 फीसदी लोगों का मानना है कि सकारात्मक नेतृत्व देश का प्रधानमंत्री बनने के लिए काफी अहम है। 31 फीसदी लोगों का मानना है कि विश्वसनीयता जरूरी है, जबकि 34 फीसदी लोगों का मानना है कि पारदर्शिता जरूरी है। वहीं डॉक्टर नीलेश जोशी ने कहा कि यह विषय काफी दिलचस्प है। हमे इसमे कुछ मुश्किल हुई थी।
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