पश्चिम बंगाल-कर्नाटक में Covaxin के तीसरे फेज का ट्रायल शुरू, इतने लोगों को दी जाएगी वैक्सीन
नई दिल्ली। भारत बायोटेक द्वारा विकसित की गई कोवैक्सीन के तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल पश्चिम बंगाल और कर्नाटक में बुधवार से शुरू हो गया है। पश्चिम बंगाल के कोलकाता में राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषध- राष्ट्रीय हैजा और आंत्र रोग संस्थान (ICMR-NICED) में इसका उद्घाटन किया है। बंगाल के शहरी विकास मंत्री व कोलकाता नगर निगम के प्रशासक फिरहाद हकीम बुधवार को 'कोवैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल में शामिल हुए और उन्होंने कोरोना का टीका लगवाया है। वहीं राज्यपाल धनखड़ ने भी टीका लगवाने की इच्छा जाहिर की है।
इस मामले में ICMR-NICED की वैज्ञानिक और डायरेक्टर डॉक्टर शांता दत्ता ने कहा, पहले दो ट्रायल के संतोषजनक परिणाम के आधार पर यह योजना बनाई गई है। हम भारत के 24 केंद्रों में से एक केंद्र हैं। फेज 3 ट्रायल में कुल 25,800 वालंटियर को वैक्सीन की खुराक दी जाएगी, जिसमें से 1,000 वालंटियर यहां हैं।
शांता दत्ता ने कहा, 'यह दो-खुराक में दी जाएगी, जिसे 28 दिनों के अंतराल में दिया जाएगा। दूसरी खुराक दिए जाने के बाद, वालंटियर्स को एक साल तक फॉलो किया जाएगा। फिर वैक्सीन की सुरक्षात्मक प्रभाविकता का विश्लेषण किया जाएगा और आगे का कार्य किया जाएगा।' आपको बता दें कर्नाटक में भी मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने वर्चुअली कोवैक्सीन के तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल का उद्घाटन किया है। ये ट्रायल बेंगलुरू में मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर के वैदेही संस्थान में होगा।
इसे लेकर स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने कहा, 'मुझे लगता है कि वह कर्नाटक में करीब 1600-1800 लोगों पर क्लीनिकल ट्रायल कर रहे हैं। सीएम ने आज वैदेही संस्थान के माध्यम से पहली खुराक की आधिकारिक घोषणा की है। मुझे उम्मीद है कि तीसरा फेज बहुत सफल होगा और इससे किसी भी व्यक्ति पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।' आपको बता दें देश से अभी तक कोरोना वायरस का खतरा टला नहीं है। ऐसे में हर किसी की नजर इससे निजात दिलाने वाली वैक्सीन पर अटकी हुई हैं। भारत सहित दुनिया की कई कंपनियां वैक्सीन बना रही हैं और ट्रायल के अलग-अलग चरण में हैं।
विश्व
स्वास्थ्य
संगठन
ने
जारी
की
World
Malaria
Report
2020-
काफी
बेहतर
स्थिति
में
है
भारत