लॉकडाउन के चलते बाजार में हो सकता है दवाइयों का संकट, फार्मा उद्योग ने दी चेतावनी
नई दिल्ली। लॉकडाउन का असर अब आम जनजीवन के लिए जरूरी सामानों पर भी पड़ने लगा है। कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए केंद्र सरकार ने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू कर दिया है। राज्यों की सीमाएं बंद होने की वजह से ट्रक जहां हैं वहीं फंसे हुए हैं। हालांकि लॉकडाउन और अंतरराज्यीय सीमाओं की सीलिंग के बीच आवश्यक वस्तुओं के ट्रांसपोर्टेशन पर रोक नहीं है लेकिन बावजूद इसके भारतीय फार्मा उद्योग पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। कई राज्यों में लॉकडाउन और कर्फ्यू ने दवा आपूर्ति की श्रृंखला को तोड़ दिया है।
फार्मा यूनिट मालिकों का कहना है कि वे विनिर्माण गतिविधि को रोकने के लिए मजबूर हैं क्योंकि कुछ सहायक इकाइयां जो पैकेट, पैकेजिंग सामग्री और प्रिंट करती हैं, वह लॉकडाउन के चलते बंद हो गई हैं। चंडीगढ़ के उद्यमी विभोर जैन का कहना है कि फैक्ट्री के कर्मचारी जिनमें से ज्यादातर महिलाएं हैं वह पुलिस की कार्रवाई के डर से काम करने में संकोच करती हैं। उन्होंने आगे बताया कि सोशल मीडिया ने पुलिस की नकारात्मक छवि पेश की है, जो वैसे भी सामाजिक दूरी को बनाए रखने के लिए लोगों को नियंत्रित करने की कोशिश करते हुए कठिनाइयों का सामना कर रहे है।
विभोर जैन ने बताया कि हमारे कर्मचारियों में से आधी महिलाएं हैं जिन्हें राज्य की लॉकडाउन से गुजरना पड़ता है। चंडीगढ़, मोहाली और पंचकुला के त्रि-शहर में स्थित कारखानों में पंजाब, चंडीगढ़ और हरियाणा के कर्मचारी भी हैं। कोई सार्वजनिक परिवहन नहीं होने के कारण और पुलिस की कार्रवाई के डर से काम पर आने को तैयार नहीं हैं। दवा जैसी आवश्यक वस्तु का उत्पादन करने के बावजूद, प्रशासन ने इस औद्योगिक इकाई को चलाने पर रोक लगा दी है। लॉकडाउन के दौरान काम करने के लिए विशेष अनुमति लेना आवश्यक है। लॉकडाउन के चलते कई उद्यमी अपनी फार्मा इकाइयों को बंद करने के लिए मजबूर हो गए हैं।
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