5 साल से कम उम्र के बच्चों पर फाइजर वैक्सीन की तीसरी डोज 80% कारगर
नई दिल्ली, 24 मई। बच्चों में कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर जो शुरुआती क्लीनिकल ट्रायल के नतीजे सामने आए हैं उसके अनुसार फाइजर और बायोटेक की वैक्सीन की तीन डोज 6 महीने से लेकर 5 साल तक के बच्चों पर 80 फीसदी कारगर है। वैक्सीन की तीन डोज इस उम्र के बच्चों को ओमिक्रान के खतरे से बचा सकती है। वैक्सीन की तीसरी डोज का प्रभाव सबसे अधिक होता है और अधिकतर बच्चों में वैक्सीन की तीसरी डोज ने बेहतर नतीजे दिखाए हैं। बायोटेक के सीईओ उगुर साहीन ने कहा कि हम इस हफ्ते फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के पास वैक्सीन के आपात इस्तेमाल के लिए अनुमति का आवेदन करेंगे। वहीं फाइजर के सीईओ एल्बर्ट बोरला ने कहा कि हमे उम्मीद है कि जल्द ही इस उम्र के बच्चों के लिए यह वैक्सीन उपलब्ध होगी।
बता दें कि फाइजर की ओर से जब ट्रायल के नतीजे जारी किए गए तो उसके कुछ घंटों के बाद ही एफडीए की ओर एक स्वतंत्र कमेटी का गठन किया जो 15 जून को फाइजर और मॉडर्ना के आवेदन पर फैसला लेगी। एफडीए की कमेटी कंपनी के आंकड़ों की जांच करेगी, इसके बाद अपने सुझाव देगी कि क्या इसके इस्तेमाल की अनुमति दी जानी चाहिए। हालांकि यहां यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि एफडीए पर इस बात का कोई बंधन नहीं है कि उसे इस कमेटी के सुझाव को स्वीकार करना ही होगा ,हालांकि सामान्य परिस्थितियों में एफडीए कमेटी के सुझाव को स्वीकार करती है। एफडीए ने अपने बयान में कहा कि हमे उम्मीद है कि फाइजर और मॉडर्ना वैक्सीन की समीक्षा जल्द ही पूरा कर लेंगे।
एफडीए ने ट्वीट के जरिए कहा हमे पता है कि माता-पिता अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं, अगर ये वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी हैं तो इन्हें अनुमति दी जाएगी। हम जल्द से इनके आंकडों को सावधानीपूर्वकर समीक्षा करेंगे. बता दे कि फाइजर की वैक्सीन को 1678 बच्चों को जिनकी उम्र 5 साल से कम थी, उनपर ट्रायल किया गया, उन्हें वैक्सीन की तीसरी डोज दी गई, दूसरी वैक्सीन की डोज के दो महीने बाद ही यह डोज दी गई है। ओमिक्रॉन के खिलाफ यह वैक्सीन 80 फीसदी इन बच्चों पर कारगर साबित हुई है। बच्चों को वयस्कों की तुलना में वैक्सीन का 10वां हिस्सा ही दिया गया है।