मोदी सरकार बनने के बाद रिकॉर्ड स्तर पर पेट्रोल-डीजल के दाम, एक्साइज ड्यूटी में कटौती की मांग
एक बार फिर से पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने से कस्टमर के ऊपर पड़ रहे दबाव को कम करने के लिए एक्साइज ड्यूटी में कटौती की मांग तेज हो गयी है
नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल दोनों के रेट बढ़ने का सिलसिला लगातार जारी है। अब दोनों ही नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए। रविवार को पेट्रोल की कीमत 74.40 रुपये लीटर हो गई जो बीजेपी की सरकार आने के बाद से अबतक सबसे ज्यादा कीमत है। वहीं डीजल 65.65 रुपये लीटर पहुंच गया है। तेल मार्केटिंग कंपनियों ने रविवार को पेट्रोल और डीजल के दामों में 19 पैसे की बढ़ोतरी कर दी है। इसकी वजह पूछने पर तेल कंपनियों के अधिकारियों ने अंतरराष्ट्रीय मार्केट में रेट बढ़ने की बात कही। इससे पहले शनिवार को पेट्रोल के रेट 13 पैसे और डीजल 15 पैसे बढ़े थे। बता दें कि पेट्रोल कंपनियां अब रोजाना पेट्रोल-डीजल की कीमतों का निर्धारण करती हैं।
एक बार फिर से पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने से कस्टमर के ऊपर पड़ रहे दबाव को कम करने के लिए एक्साइज ड्यूटी में कटौती की मांग तेज हो गयी है पब्लिक ऑयल मार्कटिंग कंपनियां पिछले साल जून से रोजाना पेट्रोल - डीजल की कीमतों बदलाव कर रही हैं। रिपोर्टस के मुताबिक पेट्रोल -डीजल की कीमतें 19-19 पैसे प्रति लीटर बढ़ा दी गयी हैं। एक नोटिफिकेशन जारी किया गया है जिसमें ये कहा गया कि इंटरनेशनल मार्केट में कच्चा तेल (क्रूड) लगातार महंगा हो रहा है और भारत अपनी जरुरत का 80 फीसदी कच्चा तेल विदेशी कंपनियों से खरीदता है। ऐसे में महंगे कच्चे तेल से घरेलू कंपनियों की लागत बढ़ जाती है। ऐसे में कंपनियां घरेलू बाजार में पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ा देती है।
आपको बता दें कि 2014-2016 के बीच वित्त मंत्री द्वार पूरे 9 बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई जा चुकी है, वहीं टैक्स में कटौती सिर्फ एक बार अक्टूबर में की गई थी और वह भी सिर्फ दो रुपये की। बता दें कि साउथ एशियन देशों में भारत में पेट्रोल डीजल का रीटेल प्राइस सबसे ज्यादा है।
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