विकास दुबे एनकाउंटर की जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल
नई दिल्ली: कानपुर मुठभेड़ का मुख्य आरोपी विकास दुबे गुरुवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार हुआ। यूपी पुलिस के मुताबिक कानपुर वापस आते वक्त यूपी एसटीएफ ने उसे एनकाउंटर में मार गिराया, हालांकि एनकाउंटर के बाद से ही इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जिसके बाद अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। साथ ही विकास दुबे का घर गिराने और गाड़ियां तोड़ने के आरोप में यूपी पुलिस पर कार्रवाई की मांग की गई है।
दरअसल घनश्याम उपाध्याय नाम के एक वकील ने गुरुवार देर शाम सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। जिसमें विकास दुबे के एनकाउंटर की आशंका व्यक्त की गई थी। याचिका में कहा गया कि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विकास दुबे ने मध्य प्रदेश जाकर खुद को गिरफ्तार करवाया, ताकी एनकाउंटर से बच सके। ऐसे में यूपी पुलिस की भूमिका संदिग्ध है। याचिका में मामले की सीबीआई जांच की भी मांग की गई थी। साथ ही कहा गया कि विकास दुबे के घर और गाड़ियों को नुकसान पहुंचाने के लिए यूपी पुलिस पर कार्रवाई होनी चाहिए। अब विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद आज इस मामले में सुनवाई की मांग की जा सकती है।
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कैसे
हुआ
एनकाउंटर?
यूपी
पुलिस
के
मुताबिक
गैंगस्टर
विकास
दुबे
को
लेकर
कानपुर
आ
रही
एसटीएफ
के
काफिले
की
गाड़ी
दुर्घटनाग्रस्त
हो
गई।
इस
गाड़ी
में
विकास
दुबे
भी
था,
कहा
जा
रहा
है
कि
इस
दौरान
विकास
दुबे
ने
एसटीएफ
के
पुलिसकर्मियों
की
पिस्टल
छीनकर
भागने
की
कोशिश
की,
जिसके
बाद
पुलिस
टीम
ने
विकास
दुबे
पर
जवाबी
फायरिंग
की।
इस
मुठभेड़
में
एक
गोली
विकास
के
सिर
पर
लगी
और
वो
गंभीर
रूप
से
घायल
हो
गया
और
अस्पताल
ले
जाते
वक्त
ही
उसने
दम
तोड़
दिया।
कानपुर
एसपी
ने
उसकी
मौत
की
अधिकारिक
पुष्टि
की
है।