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इस पॉलिसी को लेकर LIC पर लगा धोखाधड़ी का आरोप, सुप्रीम कोर्ट में याचिका

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नई दिल्ली। भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) पर उनकी एक पॉलिसी को लेकर धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है। इस संबंध में एक याचिका भी सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है। जानकारी के मुताबिक, LIC पर 'जीवन सरल पॉलिसी' को लेकर बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया है। मनीलाइफ फाउंडेशन की ओर से इस पॉलिसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, इसमें 'जीवन सरल पॉलिसी' को तुरंत वापस लेने की मांग की गई है। एलआईसी की 'जीवन सरल पॉलिसी' में कई खास ऑफर के चलते बड़ी संख्या में पॉलिसीधारकों ने इस पॉलिसी में निवेश कर रखा है।

LIC की 'जीवन सरल पॉलिसी' को तुरंत वापस लेने की गुहार

LIC की 'जीवन सरल पॉलिसी' को तुरंत वापस लेने की गुहार

देश की सर्वोच्च अदालत में मनीलाइफ फाउंडेशन की ओर से दायर जनहित याचिका में 'जीवन सरल पॉलिसी' को तुरंत वापस लेने की गुहार लगाई गई है। जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि LIC ने जीवन सरल पॉलिसी धारकों को गुमराह किया है और उनके साथ धोखाधड़ी की है। याचिका में कहा गया है कि इस पॉलिसी को लेने वाले धारकों ने 10 या फिर उससे अधिक समय के लिए जो प्रीमियम दिया है, उन्हें इसका आधा रिटर्न मिल रहा है।

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मनीलाइफ फाउंडेशन ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की पीआईएल

मनीलाइफ फाउंडेशन ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की पीआईएल

सुप्रीम कोर्ट में दायर पीआईएल में आरोप लगाया गया है कि इस पॉलिसी में उच्च आयु वर्ग के पॉलिसी धारकों को इस नकारात्मक रिटर्न मिलता है, जबकि ग्राहक ने निवेश उद्देश्य से ये पॉलिसी ली होगी। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि इस पॉलिसी को मनमाने तरीके से तैयार किया गया है। गलत और गुमराह करने वाले प्रपोजल फार्म बेचे गए हैं। यही नहीं इसके जरिए पॉलिसी धारकों से करीब 73 हजार करोड़ से लेकर एक लाख करोड़ तक निवेश कराया गया है।

अगर LIC की है पॉलिसी तो जरूर पढ़ें ये खबर

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भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार उपस्थित हुए। हालांकि, याचिकाकर्ता के अनुरोध पर मामले की सुनवाई टाल दी गई, अब इस मामले में 15 जुलाई को सुनवाई की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट में दायर पीआईएल को लेकर मनीलाइफ फाउंडेशन ने कहा कि पॉलिसी धारक संगठित नहीं हैं इसलिए वे व्यक्तिगत रूप से विवाद को बढ़ाने की स्थिति में नहीं हैं।

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English summary
Petition filed in Supreme Court alleging mass cheating by LIC through its Jeevan Saral policy.
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