मस्जिदों में मुस्लिम महिलाओं के एंट्री पर रोक को अवैध घोषित करने की मांग, SC में याचिका दायर
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर कर मांग की गई है कि देश में मस्जिदों में मुस्लिम महिलाओं के प्रवेश पर रोक को अवैध और असंवैधानिक घोषित किया जाए क्योंकि यह महिलाओं के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। कोर्ट में याचिका लगाकर मुस्लिम महिलाओं को मस्जिद में नमाज पढ़ने की इजाजत देने की गुहार की गई है।
वकील आशुतोष दुबे की ओर से दायर की याचिका में कहा गया है कि मुस्लिम महिलाओं को मस्जिद में जाकर नमाज पढ़ने पर रोक गैरकानूनी और असंवैधानिक है और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। इससे महिला की गरिमा के भी खिलाफ है। याचिका में मांग की गई है कि पुरुषों की तरह महिलाओं का भी इबादत करने का संवैधानिक अधिकार है।याचिका में इस बात का हवाला दिया गया है कि अभी जमात-ए-इस्लामी और शिया समुदाय के फिरकों में ही मुस्लिम महिलाओं को मस्जिद में नमाज पढ़ने की इजाजत है जबकि सुन्नी समुदाय के कई फिरको इसकी मनाही है।
बता दें कि मस्जिदों में मुस्लिम महिलाओं को प्रवेश की इजाजत नहीं है। इसी तरह की एक याचिका पर अगस्त 2016 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने महिलाओं को मुंबई स्थित हाजी अली दरगाह की मजार तक जाने पर लगे प्रतिबंध को हटाने का आदेश दिया था। इसके बाद हाई कोर्ट ने कहा था कि महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध संविधान में दिए गए उनके मूलभूत अधिकारों का हनन है। इसके बाद हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई तो सर्वोच्च न्यायालय ने बरकरार रखा था। पिछले साल ही सुप्रीम कोर्ट ने केरल स्थित सबरीमाला मंदिर में भी सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की इजाजत दे चुका है।
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