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सुप्रीम कोर्ट का NPR पर रोक लगाने से इनकार, केंद्र को जारी किया नोटिस

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Supreme Court ने NPR की Process पर Ban लगाने से किया इनकार | Oneindia Hindi

नई दिल्‍ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) प्रकिया को चुनौती देने वाली नई याचिकाओं पर सुनवाई की। जिसमें अदालत ने इस प्रक्रिया पर रोक लगाने से मना कर दिया है। साथ ही सभी नई याचिकाओं को सीएए की अन्य याचिकाओं के साथ सूचीबद्ध किया है। जिसपर की चार हफ्ते बाद पांच सदस्यीय संविधान पीठ सुनवाई करेगी।

सुप्रीम कोर्ट का NPR पर रोक लगाने से इनकार, केंद्र को जारी किया नोटिस

इससे पहले 22 जनवरी को उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट किया था कि वह सीएए को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर केंद्र का पक्ष सुने बगैर कोई आदेश नहीं देगा। न्यायालय ने इस कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर जवाब देने के लिए केंद्र को चार हफ्ते का वक्त देते हुए कहा कि इस मामले की सुनवाई पांच सदस्यीय संविधान पीठ करेगी। प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने इस कानून को चुनौती देने वाली 143 याचिकाओं पर केंद्र को नोटिस जारी किया और सभी उच्च न्यायालयों को इस मामले पर फैसला होने तक सीएए को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई से रोक दिया।

बता दें कि पिछले साल दिसंबर में नरेंद्र मोदी सरकार की कैबिनेट ने एनपीआर को मंजूरी दे दी है। जिसके तहत सभी भारतीय नागरिकों के बायोमेट्रिक और वंशावली को डेटा तैयार किया जाएगा। 1 अप्रैल से 30 सितंबर, 2020 के बीच असम के अलावा देश भर में घरों की गिनती के दौरान एनपीआर के लिए डाटा एकत्रित किया जाएगा। एक अप्रैल से शुरू होने वाली एनपीआर में आधार, पासपोर्ट नंबर, बैंक अकाउंट, वोटर आईडी कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस की जानकारी देना आवश्यक होगा। गृह मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक किसी भी व्यक्ति के पास इनमें से किसी भी तरह का कोई प्रूफ या कोई दस्तावेज होगा तो उसको इसकी जानकारी देना अनिवार्य होगा। हालांकि इन दस्तावेजों में पैनकार्ड की जानकारी देने वाला कॉलम विरोध करने के बाद हटा दिया गया है।

क्या है NPR?

गौरतलब है कि एनपीआर भारत में रहने वाले मूल निवासियों का एक रजिस्टर है, जिसमें उनके मूल पते की जानकारी होती है। ये नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों के तहत स्थानीय, उप-जिला, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाता है। इसके तहत कोई भी निवासी जो 6 महीने या उससे अधिक समय से स्थानीय क्षेत्र में निवास कर रहा है तब उसे NPR में अनिवार्य रूप से पंजीकरण करना होता है।

देश के हर निवासी की पूरी पहचान और अन्य जानकारियों के आधार पर उनका डेटाबेस तैयार करना इसका मूल उद्देश्य है। इस डाटा में जनसंख्या के आंकड़ों के साथ ही भारत के हर नागरिक की बायोमेट्रिक जानकारी भी दर्ज होगी। आधार कार्ड की तरह ही इस बार एनपीआर में भी आंखों की रैटिना और फिंगर प्रिंट भी लिए जाएंगे।

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English summary
Petition challenging NPR says govt may misuse data, Supreme Court issues notice.
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