केरल: पालतू कुत्ते ने ढूढ़ निकाली थी 2 साल के बच्चे की बॉडी, पुलिस ऑफिसर ने लिया गोद
केरल के इदुक्की में भूस्खलन के बाद मलबे में फंसी दो साल के बच्चे की बॉडी को जिस एक कूवी नाम के कुत्ते ने ढूढ़ निकाला था उसे केरल पुलिस के एक ऑफिसर अजित माधवन ने गोद ले लिया है। अजित माधवन पुलिस के डॉग स्क्वॉड में ट्रेनर भी हैं। माधवन ने इसके लिए जिला और वन विभाग की भी मंजूरी ले ली है।
रेस्क्यू टीम की खोजने में की मदद
कूवी पर लोगों का ध्यान तब गया था जब केरल के इदुक्की स्थित पेट्टीमुडी में हुए भयंकर भूस्खलन हुआ था। भूस्खलन के बाद चाय बागानों में काम करने वाले घर मलबे की चपेट में आ गए थे। इसमें 60 के करीब लोग दब गए थे। इसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी टीमों ने आठवें दिन देखा कि कूवी बार-बार पुलिस के पास एक ही जगह जाकर खड़ा हो जा रहा था। जब रेस्क्यू टीम पुलिस के पास पहुंची तो वहां जो देखा उससे दंग रह गई। रेस्क्यू में लगी टीम को दो साल की धनुष्का की बॉडी वहां से बरामद हुई।
बॉडी के पास जाकर खड़ा रहता था
बाद में पता चला कि कूवी को धनुष्क के परिवार ने पाला था जिसके चलते कूवी धनुष्क से बहुत ज्यादा लगाव रखता था। यही वजह रही कि धनुष्क की बॉडी के पास जाकर खड़ा रहता था। हादसे में धनुष्क का पूरा परिवार खत्म हो गया था केवल उसकी दादी ही केवल जिंदा बच पाई थी।लगातार बिना खाए पिए बच्चे की बॉडी के पास खड़े रहने की घटना ने वहां मौजूद लोगों का दिल पिघला दिया। जिसके बाद पुलिस ऑफिसर अजित माधवन ने कूवी को गोद लेने का फैसला लिया।
पुलिस ऑफिसर का पिघल गया दिल
अजित का कहना है कि बिना कुछ खाने और पीने को मिलने के बावजूद कूवी के वहां खड़े रहने और बार-बार निशानदेही कराने की घटना ने उन्हें प्रभावित किया जिसके बाद उन्होंने कूवी को गोद लेने के लिए अर्जी दी। शुक्रवार को अजित माधवन को कूवी को गोद लेने के लिए जिला प्रशासन और वन विभाग से अनुमित मिल गई। अजित माधवन इदुक्की डॉक स्क्वॉड में ट्रेनर भी हैं। हालांकि अभी ये साफ नहीं हो पाया है कि कूवी को केवल डॉग स्क्वॉड में प्रशिक्षण दिया जाएगा या फिर बल का हिस्सा भी बनाया जाएगा।
खोजी कुत्ते हो गए थे नाकाम
हादसे के दिन से ही कूवी और एक दूसरे कुत्ते के साथ, जो हादसे में शिकार हुए परिवार द्वारा पाला गया था, बार-बार साइट पर जाते देखा गया था। रेस्क्यू टीम अपने साथ खोजी कुत्तों को भी लाई थी लेकिन खराब मौसम और ठंड के कारण उन्हें सफलता नहीं मिली। इसके बाद कूवी और दूसरे स्थानीय कुत्तों ने रेस्क्यू टीम को मलबे में फंसे शवों को पता लगाने में मदद की। इसी दौरान अजित माधवन का ध्यान कूवी पर गया और उनके मन में कूवी के लिए एक घर मुहैया कराने का खयाल आया। फिलहाल कूवी अजित के साथ डॉग स्क्वॉड सेंटर में पहुंच गया है।