आतंकियों के मददगार DSP दविंदर सिंह को मिला था राष्ट्रपति का पुलिस मेडल, अफजल गुरु ने लिया था नाम
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर पुलिस ने रविवार को डीएसपी रैंक के ऑफिसर दविंदर सिंह को गिरफ्तार किया है। अब उनसे टेरर कनेक्शन के सिलसिले में कड़े सवाल पूछे जा रहे हैं। दविंदर को उस समय गिरफ्तार किया गया है जब वह हिजबुल मुजाहिद्दीन के दो आतंकियों को जम्मू से दिल्ली भेजने की फिराक में था। उसके साथ जिन दो आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है, वो दोनों ही घाटी के वॉन्टेड आतंकी है। आपको जानकर हैरानी होगी कि दविंदर, राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित होने वाला पुलिस ऑफिसर है।
संसद हमले से है DSP का कनेक्शन!
डीएसपी दविंदर को पिछले राष्ट्रपति की तरफ से पुलिस मेडल से सम्मानित किया गया था। यह पहला मौका नहीं है कि दविंदर सिंह गलज वजहों से खबरों में हैं। साल 2013 में संसद हमले के दोषी अफजल गुरु ने भी दविंदर सिंह का जिक्र अपनी एक चिट्ठी में किया था। अफजल गुरु ने जो चिट्ठी लिखी थी, उसमें उसने बताया था कि कैसे दविंदर सिंह जो हमले के समय स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) में डीएसपी थे, उसने संसद हमलों के सह आरोपी मोहम्मद को दिल्ली ले जाने के लिए कहा था। डीएसपी ने न सिर्फ दिल्ली ले जाने बल्कि मोहम्मद के लिए एक कार खरीदने और किराए पर घर का इंतजाम करने को भी कहा था।
वॉन्टेड आतंकियों के साथ पकड़े गए DSP
इस मामले की जांच भी की गई थी लेकिन अधिकारियों के मुताबिक उस समय कोई भी सुबूत दविंदर के खिलाफ नहीं मिले थे। डीएसपी दविंदर सिंह जम्मू से दो वॉन्टेड आतंकियों को लेकर दिल्ली आ रहे थे और वह भी गणतंत्र दिवस से पहले। इस नई घटना के बाद अफजल गुरु ने उन पर जो आरोप लगाए थे, अब वो सभी सही साबित नजर आने लगे हैं। शुक्रवार को दविंदर सिंह जब हिजबुल के आतंकी नवीद बाबा से बात कर रहा था, उसी समय इंटेलीजेंस एजेंसी ने उसकी बातचीत को इंटरसेप्ट कर लिया था।
डीजीपी की देखरेख में हुआ ऑपरेशन
नावीद, भी जम्मू कश्मीर पुलिस के साथ रह चुका है। इसके बाद साउथ कश्मीर के डिप्टी जनरल ऑफ पुलिस अतुल गोयल ने उसे पकड़ने के लिए चलाए गए ऑपरेशन की निगरानी की। डीजीपी अतुल खुद उस गाड़ी को चेक करने के लिए गए थे जिसमें आतंकी थे। जैसे ही कार चेक प्वाइंट पर पहुंची, उसे रोका गया और फिर चारों को गिरफ्तार कर लिया गया। दविंदर सिंह अपने पद का रौब दिखाने की कोशिश कर रहा था मगर डीजीपी गोयल के आगे सब फेल हो गया। इसके तुरंत बाद पुलिस ने अलग-अलग जगहों की तलाशी ली।
दो महीने से रखी जा रही थी नजर
सिंह के घर की तलाशी ली गई। यहां से पुलिस को दो पिस्टल और दो एक -47 राइफल्स मिली थीं। अब सिंह को आतंकवाद से जुड़े कड़े सवालों का सामना करना होगा। डीएसपी सिंह पर पिछले दो माह से नजर रखी जा रही थी। सूत्रों की मानें तो त्राल के रहने वाले सिंह के बारे में एक इंटरसेप्ट मिली थी और इससे इस बात की पुष्टि हो गई थी कि वह आतंकियों से मिला हुआ था। सिंह की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए 24 घंटे ह्यूमन इंटेलीजेंस की मदद ली जा रही थी।