सीमा पर सड़क बनाने के काम में जुटे कर्मचारियों की सैलरी में 100-170 फीसदी की बढ़ोतरी
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच पिछले कुछ दिनों से तनाव बना हुआ है। दोनों ही देशों की सेनाओं के बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई थी, जिसमे देश के 20 जवान वीरगति को प्राप्त हुए गए थे। लेकिन इन तमाम टकराव के बावजूद भारत की ओर से यहां सड़क बनाने और अन्य निर्माण कार्यों को नहीं रोका गया। बड़ी संख्या में मजदूरों को यहां काम करने के लिए भेजा गया। लेकिन तनाव के बीच काम करने वालों को सरकार ने अब अधिक पैसे देने का फैसला लिया है। सरकार की ओर से इनकी न्यूनमत मजदूरों को 100 से 170 फीसदी तक बढ़ दिया गया है।
100-170 गुना बढ़ी सैलरी
लद्दाख के तनावपूर्ण इलाके में सड़क बनाने का काम कर रहे लोगों को सरकार की ओर से सर्वाधिक सैलरी बढ़ोतरी देने का फैसला लिया गया है। यह सैलरी 1 जून से प्रभावी होगी। इसे आदेश को नेशनल हाईवे एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट कॉर्पोरेशन की ओर से जारी किया गया है। आदेश में कहा गया है कि यहां काम कर रहे लोगों के रिस्क अलाउंस को बढ़ाया गया है। चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश सीमा पर काम करने वालों की सैलरी में 100- 170 फीसदी तक की बढ़ोतरी की गई है।
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कितनी बढ़ी सैलरी
नए आदेश के बाद लद्दाख में काम कर रहे नॉन टेक्निकल स्टाफ जैसे डेटा एंट्री ऑपेटर, की सैलरी जो पहले 16770 रुपए थी, उसे बढ़ाकर 41440 रुपए कर दिया गया है, जबकि यही कर्मचारी दिल्ली में 28000 रुपए की सैलरी पाता है। लद्दाख में काम करने वाल एकाउंटेंट की सैलरी प्रति माह 25700 रुपए से बढ़ाकर 47360 रुपए कर दी गई है। सिविलि इंजीनियर ग्रैजुएट जो लद्दाख में काम कर रहा है, उसकी सैलरी को 30 हजार से बढ़ाकर 60 हजार कर दिया गया है। मैनेजर स्तर के कर्मचारी की सैलरी को 50 हजार से बढ़ाककर 112800 रुपए कर दिया गया है। जबकि वरिष्ठ मैनेजर के स्तर पर काम कर रहे अधिकारी की सैलरी को 55000 हजार से बढ़ाकर 123600 रुपए कर दिया गया है।
कई अन्य लाभ भी मिलेंगे
सैलरी के अलावा इन लोगों को अन्य लाभ भी दिया जाएगा। इन सभी लोगों को 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा, 10 लाख रुपए का एक्सिडेंट बीमा दिया जाएगा। साथ ही ट्रैवेल अलाउंस, डीयरनेस अलाउंस, प्रॉविडेंट फंड जैसी सुविधा भी दी जाएगी। मुश्किल क्षेत्रों में काम कर रहे कर्मचारियों को तीन श्रेणियों में रखा गया है। पहली श्रेणी में असम, मेघालय, त्रिपुरा, सिक्किम, उत्तराखंड है। दूसरी श्रेणी में अरुणाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, मिजोरम, नागालैंड में काम कर रहे लोग हैं, जबकि तीसरी श्रेणी में लद्दाख क्षे्र में काम कर रहे लोगों को रखा गया है क्योंकि यहां खतरा सबसे ज्यादा है।
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