कोरोना से ठीक हुए लोग whatsapp पर बेच रहे हैं प्लाज्मा
नई दिल्ली। दुनिया में कोरोना वायरस का कहर जारी है। भारत में अब तक कोरोना के कुल केस 6,73,165 हो गए हैं। वहीं, पड़ोसी देश पाकिस्तान में दो लाख से ज्यादा लोग कोरोना क चपेट में आ चुके है। पहले से ही आर्थिक तंगी झेल रहे पाकिस्तान कोरोना की दोहरी मार पड़ी है। नौबत यहां तक आ गई है कि ब्लड प्लाज्मा की कालाबाजारी शुरू हो गई है। पाकिस्तान में उन लोगों के ब्लड प्लाज्मा की कालाबाजारी हो रही है जो कोरोना वायरस के बाद ठीक हो गए हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस ब्लड प्लाज्मा में ठीक हुए इंसान के शरीर में बनी एंटीबॉडीज होती हैं, जो कोविड-19 का संभावित इलाज हो सकती हैं। बता दें, ब्लड प्लाज्म का ये कारोबार व्हॉट्सऐप पर भी धड़ल्ले से चल रहा है।
2 से 8 लाख रुपए में बेच रहे ब्लड प्लाज्मा
पाकिस्तान में ब्लड प्लाज्मा का कारोबार जोरों पर है। गरीब और रिकवर हो चुके लोग इसे 2 से 8 लाख रुपए में बेच रहे हैं। पाकिस्तान में व्हाट्सऐप के जरिए लोगों को खुलेआम ब्लड प्लाज्मा का मोलभाव करते हुए देखा जा सकता है। 'डीडब्ल्यू' की रिपोर्ट के मुताबिक, लाहौर में रहने वाले काशिफ नसीर ने बताया, कोरोना वायरस से संक्रमित उनके चाचा को ऐसा ब्लड प्लाज्मा मिला है। हमारे खानदान के एक व्यक्ति ने उन्हें ब्लड प्लाज्मा दिया, लेकिन जब मैं अपने चाचा की देखभाल करने के लिए अस्पताल में था, तब मुझे पता चला कि ब्लड प्लाज्मा को बाजार में बेचा जा रहा है। काशिफ का कहना है कि पाकिस्तान में कई गरीब लोग कोरोना वायरस से ठीक हो गए हैं, वे अपनी आर्थिक तंगियों को दूर करने के लिए ब्लड प्लाज्मा बेच रहे हैं।
3 महीने से बेरोजगार शख्स ने कहा- कम से कम 3 लाख में बेचूंगा प्लाज्मा
कराची के ही रहने वाले एक शख्स ने कहा, ''मैं तीन महीने से बेरोजगार हूं, मुझे कोरोना हो गया था, जिसके इलाज में जमापूंजी भी खर्च हो गई। गरीबी की वजह से मुझे मेरा ब्लड प्लाज्मा बेचने पड़ा। अब मैं अपना ब्लड प्लाज्मा कम से कम 3 लाख रुपए में बेचना चाहता हूं। इन पैसों से मैं किश्तों पर एक टैक्सी खरीदूंगा।'' सरकार ने लोगों से ब्लड बैंकों और अस्पतालों से प्लाज्मा ना खरीदने को कहा है। ब्लड प्लाज्मा की कालाबाजारी को लेकर पाकिस्तान मेडिकल एसोसिएशन के अब्दुल गफूर शोरो कहते हैं कि पाकिस्तान में तो लोग 'सामान्य परिस्थितियों' में अपनी किडनी और दूसरे अंग बेच देते हैं। वहीं, कोरोना संकट के कारण जिन लोगों का रोजगार चला गया है, वे लोग ऐसा करने को मजबूर होंगे। ऐसे में सरकार वित्तीय पैकेज की घोषणा करनी चाहिए, जिससे ऐसे लोगों को मदद मिल सके।
सरकार ने बनाए हेल्थ सेंटर
सरकार का कहना है कि वह ऐसे हेल्थ सेंटर बना रही है, जहां ब्लड प्लाज्मा पेशेवर और कानूनी तरह से डोनेट किया जा सकता है। पाकिस्तान में क्लीनिकल स्टडी कमेटी ऑफ द ड्रग्स रेग्युलेटरी अथॉरिटी के चेयरमैन अब्दुल रशीद कहते हैं, ''सरकार ने इस मकसद से कराची, लाहौर, रावलपिंडी और पेशावर में पांच अस्पताल निर्धारित किए हैं। सिर्फ इन्हीं अस्पतालों को पेशेवर दिशानिर्देशों के अनुसार ब्लड प्लाज्मा जमा और उन्हें इस्तेमाल करने की अनुमति होगी।'' उन्होंने कहा, ''इन अस्पतालों में कम से कम 351 मरीजों को ब्लड प्लाज्मा मिला है। इनके ट्रायल के बारे में रिपोर्ट अभी स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंपी जानी है। इन अस्पतालों के अलावा दूसरी जगहों पर ब्लड प्लाज्मा देने या बेचने वाले गैरकानूनी काम कर रहे हैं।''
जानें क्या है प्लाज्मा थैरेपी?
शरीर में वायरस से लड़ने के लिए इम्यून सिस्टम सक्रिय होता है। इस प्रोसेस में प्रोटीन बनता है, जिसे एंटीबॉडीज कहते हैं। ये एक बार बीमार हो चुके व्यक्ति को एक तय वक्त तक बीमारी के दोबारा हमले से बचाए रखती है। माना जा रहा है कि इस एंटीबॉडी को ब्लड प्लाज्मा के जरिए अगर बीमार के शरीर में डालें तो वो जल्दी ठीक हो जाएगा। या फिर वायरस का हमला हो तो भी तो काफी हद तक सुरक्षित रहेगा। इसे कान्वलेसन्ट प्लाज्मा थेरेपी कहते हैं। यानी इसके तहत स्वस्थ हो चुके व्यक्ति के एंटीबॉडीज से युक्त ब्लड बीमार या स्वस्थ के शरीर में डाला जा रहा है।
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