रामायण के दोबारा प्रसारण पर लोगों ने उड़ाया था मजाक, प्रसार भारती के सीईओ ने बताई पूरी कहानी
नई दिल्ली। कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण को रोकने के लिए देश में जब लॉकडाउन की घोषणा की गई तो दर्शकों की मांग पर एक बार फिर रामायण का प्रसारण किया गया। इस आध्यात्मिक सीरियल के अलावा 90 के दशक के बाकी कार्यक्रमों का भी दोबारा प्रसारण किया गया। रामानंद सागर के इस धारावाहिक को दर्शकों का खूब प्यार मिला। शो की वापसी से न केवल इसके कलाकार दोबारा चर्चा में आए बल्कि इसने टीआरपी के भी नए रिकॉर्ड बनाए। ये शो दुनिया में सबसे ज्यादा देखा जाने वाला शो भी बन गया, जिसके बाद दूरदर्शन ने जानकारी दी थी कि हमारे सभी दर्शकों का शुक्रिया, रामायण ने विश्व कीर्तिमान रचा है।
'लोगों का कहना था कि इस शो को कौन देखेगा'
शो की इस अपार सफलता पर प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर वेंपती ने बताया है कि जब शो को दोबारा प्रसारित करने की बात कही गई तो क्या कुछ हुआ था। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च के अंत में लॉकडाउन की घोषणा की और ऐसी हेडलाइन आईं कि रामायण को दोबारा प्रसारित किया जाएगा, तो उनके व्हॉट्सएप ग्रुप पर लोग हंस रहे थे। लोगों का कहना था कि इस शो को कौन देखेगा।
'वो सब जैसे, हंस रहे थे'
कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान कार्यक्रम की पूरी तैयारी को लेकर वेंपती ने आईएएनएस को एक वीडियो इंटरव्यू दिया है। इसमें उन्होंने कहा, 'वो सब जैसे, हंस रहे थे। इसे कौन देखने वाला है? मैंने उन्हें कहा कि तुम जानते हो, कि भारत बहुत अलग है। यहां केवल अंग्रेजी बोलने वाला अभिजात वर्ग नहीं है, बल्कि यह बहुत बड़ा है, बहुत अधिक विविध है। तो वह चिंता थी।' रामायण के प्रसारित होने के बाद दूरदर्शन ने ये भी बताया कि 16 अप्रैल को प्रसारित किए गए एपिसोड को सबसे ज्यादा 7 करोड़ 70 लाख से भी अधिक लोगों ने देखा है, जिसकी वजह से गेम ऑफ थ्रोन्स का भी रिकॉर्ड टूट गया है।
'टीम ने रात-रात तक काम किया'
वेंपती ने आगे कहा, 'टेप (रामानंद) सागर परिवार के संग्रह में थीं और मुंबई में यह कर्फ्यू में काम करने जैसा था। किसी को इन चीजों को खुद लेकर आना था। फॉर्मेट बदल गए थे। लोगों को रात-रात तक काम करना पड़ा, ताकि यह पता लग सके कि इसे एक कॉम्पिटेबल फॉर्मेट में कैसे लाया जाए, और फिर इसे बॉम्बे से लाया जाए। फाइल का साइज इतना बड़ा होने के कारण, आप इसे इंटरनेट पर नहीं कर सकते। इसलिए हमारे पास एक सैटेलाइट-आधारित मकैनिजम था, जिसके द्वारा कंटेंट को बॉम्बे से लेकर यहां सर्वर में डाउनलोड किया गया था, ताकि अगले दिन के एपिसोड को प्रसारित किया जा सके।'
आज भी पूरा परिवार साथ में टीवी देख सकता है
वेंपती अब भारत के युवाओं के लिए "ब्रांड को फिर से संगठित करने" के बारे में सोच रहे हैं। उन्होंने कहा कि दर्शकों में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। उन्होंने बताया कि एक ही परिवार के लोग कैसे अलग-अलग तरह का कंटेंट देखते हैं। वो भी अलग-अलग डिवाइस पर। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में रामायण प्रसारित होने से हमें यह पता चला कि अगर कंटेंट आकर्षक हो तो पूरा परिवार एक साथ टेलीविजन पर उसे देख सकता है। वेंपती ने कहा कि 'इसलिए जब बाकी इंडस्ट्री संघर्ष कर रही है, तब हमारे पास एक बड़ी लाइब्रेरी है जो पूरे भारत में दर्शकों द्वारा नहीं देखी गई है जिसे हम अगले कुछ हफ्तों में रोल आउट करेंगे।'