असम NRC पर राम माधव बोले- जिन लोगों का नाम नहीं उन्हें वापस उनके देश भेज दिया जाएगा
नई दिल्ली। असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के महासचिव राम माधव ने कहा है कि जिन लोगों का नाम अंतिम सूची में नहीं है उन लोगों का मताधिकार छीन कर उन्हें वापस उनके देश भेज दिया जाएगा। बता दें कि एनआरसी मुद्दे को लेकर बीजेपी के ही नेता और असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा है कि इसे पूरे भारत में लागू किया जाए। इसके साथ-साथ सोनेवाल ने कहा कि भारत के वाजिब नागरिक को नागरिकता सिद्ध करने का पर्याप्त अवसर दिया जाएगा। सोनोवाल ने यह बात डिफेंडिंग दि बॉर्डर्स, सेक्यूरिंग दि कल्चर विषय पर आयोजित एक सेमिनार में कहा है।
यह एक ऐसा दस्तावेज जो सभी भारतीयों का संरक्षण कर सकता है
थिंक-टैंक की ओर से आयोजित इस सेमिनार में सोनोवाल ने कहा कि एनआरसी सभी राज्यों में लागू की जानी चाहिए। यह ऐसा दस्तावेज है जो सभी भारतीयों का संरक्षण कर सकता है। सोनोवाल ने कहा कि असम में एनआरसी में शामिल नहीं किए जाने वाले लोग अन्य राज्यों में जा सकते हैं। इसलिए हमको ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
असम एनआरसी से 40 लाख लोग बाहर
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर असम में रह रहे लोगों की नागरिकता पहचानने के लिए 30 जुलाई को आखिरी मसौदा सूची जारी की गई थी। जिसमें 40 लाख लोग ऐसे हैं जो अपनी नागरिकता सिद्ध नहीं कर पाए हैं। अब इन्ही लोगों को लेकर राजनीतिक विवाद बना हुआ है। इस मुद्दे पर माधव ने कहा कि 1985 में हुए असम समझौते के तहत एनआरसी को अद्यतन किया जा रहा है और सभी अवैध प्रवासियों का पता और उन्हें देश से बाहर निकालने की प्रतिबद्धता जाहिर की।
दुनिया का कोई देश अवैध प्रवासियों को बर्दाश्त नहीं करता
राम माधव ने कहा कि दुनिया में कोई भी देश अवैध प्रवासियों को बर्दाश्त नहीं करता है। लेकिन भारत राजनीतिक कारणों की वजह से अवैध प्रवासियों के लिए धर्मशाला जैसा बन गया है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश भी म्यांमार के साथ इस संबंध में बातचीत कर रहा है। ताकि वो अपने देश में रह रहे लाखों रोहिंग्या को बाहर निकाल सके।
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