पहलू खान मॉब लिंचिंग केस: गहलोत सरकार पर भड़कीं मायावती, बोलीं-अगर सक्रिय रहती तो...
जयपुर: राजस्थान के अलवर में पहलू मॉब लिंचिंग केस में निचली अदालत ने सभी 6 आरोपियों को बुधवार को बरी कर दिया था। इसके बाद राजस्थात में शासित गहलोत सरकार ने इस केस की दोबारा जांच की बात कही है। वहीं बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने शुक्रवार को इस मामले में आरोपियों को बरी किए जाने को लेकर कांग्रेस की गहलोत सरकार पर निशाना साधा। मायावती ने कहा कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार की निष्क्रियता की वजह से आरोपी छूटे।
मायावती ने गहलोत सरकार पर बोला हमला
बीएसपी सुप्रीमो ने ट्वीट करके लिखा कि 'राजस्थान की कांग्रेस सरकार की घोर लापरवाही और निष्क्रियता के कारण बहुचर्चित पहलू खान हत्याकांड मामले में सभी छह आरोपी वहां की निचली अदालत द्वारा बरी कर दिए गए। यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण है। पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के मामले में वहाँ की सरकार अगर सतर्क रहती तो क्या यह संभव था, शायद कभी नहीं।
प्रियंका ने की सराहना
प्रियंका गांधी ने भी इसे लेकर ट्वीट किया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि पहलू खान मामले में निचली अदालत का फैसला चौंका देने वाला है। हमारे देश में अमानवीयता की कोई जगह नहीं होनी चाहिए और भीड़ द्वारा हत्या एक जघन्य अपराध है। उन्होंने आगे लिखा कि राजस्थान सरकार द्वारा भीड़ हत्या के खिलाफ कानून बनाने की पहल सराहनीय है। आशा है कि पहलू खान मामले में न्याय दिलाकर इसका अच्छा उदाहरण पेश किया जाएगा।
सरकार ने दिए दोबारा जांच के आदेश
राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने गृह विभाग को इस मामले की दोबारा जांच के आदेश दिए हैं। लोअर कोर्ट के फैसले के बाद राजस्थान सरकार ने अहम मीटिंग बुलाई। इस बैठक में सूबे के सीएम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाईकोर्ट में अपील के साथ जांच का आदेश दिया। सीएम गहलोत के आदेश के बाद इस बात की जांच की जाएगी कि कहीं जानबूझकर जांच को प्रभावित तो नहीं किया गया है और केस की सही ढंग से जांच हुई है कि नहीं हुई है।
क्या है पूरा मामला
55 साल के डेयरी चलाने वाले पहलू खान की एक अप्रैल 2017 को कुछ कथित गोरक्षकों ने बहरोड़ (अलवर) में पिटाई की थी। इसके बाद इलाज के दौरान अस्पताल में खान की मौत हो गयी। पहलू खान व उसके बेटे मवेशी लेकर नुंह जा रहे थे। गो रक्षको का शक था कि ये गो-तस्करी कर रहे हैं। पुलिस ने पहलू खान के बेटे इरशाद, आरिफ और ट्रक ऑपरेटर खान मोहम्मद के खिलाफ 24 मई को चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें सभी को राजस्थान गोवंश पशु अधिनियम, 1995 की धाराओं में आरोपी बनाया गया था।