जिस दिन पर्यटकों के लिए खुला कश्मीर, उसी दिन महबूबा मुफ्ती ने बेटी इल्तिजा से कराया ये ट्वीट
कश्मीर को पर्यटकों के लिए खोले जाने के दिन ही महबूबा मुफ्ती ने बेटी इल्तिजा से ट्वीट कराकर एक बड़ा बयान दिया है।
Recommended Video
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला बोला है। महबूबा मुफ्ती ने एक बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा वोट हासिल करने के लिए भारतीय सेना के जवानों के बलिदान का इस्तेमाल कर रही है। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद से नजरबंद महबूबा मुफ्ती ने कहा कि भाजपा को देश के जवानों या कश्मीरियों की कोई परवाह नहीं है। महबूबा मुफ्ती के इस बयान को उनकी बेटी इल्तिजा ने उनके आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किया है। आपको बता दें कि इल्तिजा अपनी मां को नजरबंद किए जाने के बाद से लगातार उनका ट्विटर हैंडल संभाल रही हैं।
'सरकार को जवानों या कश्मीरियों की जरा भी परवाह नहीं'
ट्विटर पर लिखी पोस्ट में महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'भारतीय जनता पार्टी 'जवान कार्ड' का इस्तेमाल करती है और वोट हासिल करने के लिए उनके बलिदान को हाईजैक करती है। लेकिन, सच्चाई यह है कि अगर कश्मीरियों पर बल और जवानों का प्रयोग किया गया तो फिर वे घाटी में अशांति पैदा करने वाले मोहरों में तब्दील हो जाएंगे। सत्ताधारी पार्टी को जवानों या कश्मीरियों की जरा भी परवाह नहीं है। उनकी एकमात्र चिंता चुनाव जीतने की है। सेना का प्राथमिक उद्देश्य प्रदर्शनकारियों के खिलाफ उलझने के बजाय सीमाओं की रक्षा करना है।'
ये भी पढ़ें- बहुत कमजोर हो गया है रामायण का रावण, राम जप में ही बीतता है वक्त
|
'घाटी में 9 लाख सैनिक होने का क्या मतलब'
महबूबा मुफ्ती ने अपने ट्वीट में आगे कहा, 'अगर कश्मीर में सबकुछ सामान्य है तो फिर वहां 9 लाख सैनिक होने का क्या मतलब है? वो वहां इसलिए नहीं हैं कि पाकिस्तान की तरफ से कोई हमला होने वाला है, बल्कि वो वहां विरोध-प्रदर्शनों को खत्म करने के लिए हैं। सेना की प्राथमिक जिम्मेदारी सीमाओं की रक्षा करना है, ना कि अंसतोष को दबाना।'
'संचार के माध्यमों पर पाबंदी, तो पर्यटक कैसे आएंगे'
महबूबा मुफ्ती का यह बयान ऐसे समय में आया है जब एक दिन पहले ही सरकार ने कश्मीर में टूरिस्ट एडवाइजरी खत्म की है। बीते 2 अगस्त को मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर में सभी पर्यटकों को तुरंत वहां से निकलने के लिए एक एडवाइजरी जारी की थी। कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के 67वें दिन ट्रैवल एडवाइजरी को वापस ले लिया गया है। हालांकि, नेशनल कॉन्फ्रेंस सहित विपक्षी दलों ने सरकार के इस कदम को 'आधी-अधूरी' पहल बताते हुए पूछा है कि अगर कश्मीर में संचार के माध्यमों पर ही पाबंदी रहेगी तो पर्यटक यहां कैसे आएंगे।
यावर मीर, नूर मोहम्मद और शोएब लोन को किया जाएगा रिहा
इस बीच सरकार उन तीन कश्मीरी राजनेताओं को रिहा करने की योजना बना रही है, जिन्हें कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद 5 अगस्त से ही नजरबंद किया हुआ था। इन तीन नेताओं- यावर मीर, नूर मोहम्मद और शोएब लोन को अलग-अलग तरीके से रिहा किया जाएगा और उनसे बॉन्ड पर हस्ताक्षर कराए जाएंगे। साथ ही उन्हें रिहाई की शर्तें भी बताई जाएंगी। राज्यपाल प्रशासन ने इससे पहले 21 सितंबर को स्वास्थ्य कारणों के चलते पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के इमरान अंसारी और सैयद अखून को रिहा किया था।
'हाउडी मोदी' में 370 के जिक्र पर भड़कीं मुफ्ती
आपको बता दें कि इससे पहले हाल ही में अमेरिका के ह्यूस्टन शहर में आयोजित 'हाउडी मोदी' इवेंट में पीएम मोदी के भाषण में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का जिक्र करने पर भी महबूबा मुफ्ती ने पीएम मोदी पर हमला बोला था। महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट करते हुए कहा, 'विडंबना यही है कि एक ऐसा फैसला जो जम्मू कश्मीर के 'विशेष हितों' को सुरक्षित करने के लिए लिया गया, उस फैसले पर हर जगह खुशी मनाई जा रही है, केवल उसी राज्य को छोड़कर और जिसके बारे में कहा जा रहा है कि इससे राज्य के लोगों को फायदा होगा। जबकि इस फैसले को सही साबित करने के लिए कश्मीर के लोगों का गला घोंटा गया है, एक सामूहिक उन्माद फैलाया गया है।'
ये भी पढ़ें- बिना फिल्मों के भी करोड़ों कमाती हैं राखी सावंत, जानिए कितनी है कुल संपत्ति