जम्मू कश्मीर: पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने यासिन मलिक की गिरफ्तारी को बताया गैर-कानूनी
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की मुखिया महबूबा मुफ्ती एक बार फिर अलगाववादी नेताओं के समर्थन में आ गई हैं। शनिवार को उन्होंने अलगाववादी नेता यासीन मलिक की गिरफ्तारी के बाद अपनी प्रतिक्रिया दी। अगले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में धारा 35 ए पर सुनवाई होनी है। इस सुनवाई से पहले और पुलवामा आतंकी हमले को ध्यान में रखते एतिहायत के तौर पर सरकार ने कुछ अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार किया है। महबूबा ने अलगाववादी नेताओं की गिरफ्तारी की निंदा की और केंद्र सरकार के फैसले पर सवाल उठाया।
किस कानून में तहत लिया गया फैसला
घाटी में हुर्रियत और अलगाववादी नेताओं पर हो रही कार्रवाई से परेशान महबूबा मुफ्ती ने ट्विटर पर लिखा, 'आप किसी व्यक्ति को जेल में डाल सकते हैं लेकिन उसके विचारों को नहीं।' इस ट्वीट के साथ ही उन्होंने घाटी में व्याप्त अशांति की स्थिति के बारे में भी एक साफ संदेश दे दिया। महबूबा ने लिखा, 'पिछले 24 घंटों में हुर्रियत के नेताओं और जमात ऑर्गनाइजेशन के वर्कर्स को गिरफ्तार किया जा चुका है। मुझे इस तरह के कदम क्यों लिए जा रहे हैं समझ नहीं आता जो कि जम्मू कश्मीर के मुद्दे को और जटिल ही बनाएंगे।' महबूबा ने इसके साथ ही सवाल किया कि इस तरह के कदम किस कानून के तहत उठाए गए और कैसे उन्हें सही ठहराया जा सकता है।
अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा भी वापस
शनिवार को जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट यानी जेकेएलएफ के मुखिया और अलगाववादी नेता यासिन मलिक को गिरफ्तार किया गया है। यासिन की गिरफ्तारी के बाद ही मुफ्ती की ओर से यह बयान दिया गया है। शुक्रवार को यासिन को श्रीनगर स्थित उसके घर से हिरासत में लिया गया था। सुप्रीम कोर्ट में धारा 35 ए पर सुनवाई होनी है। यह कानून घाटी के लोगों को विशेष अधिकार और सुविधाओं का अधिकार देता है। पिछले हफ्ते राज्य में प्रशासन की ओर से पांच अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली गई थी जिनमें मीरवाइज उमर फारूक, शब्बीर शाह, हाशिम कुरैशी, बिलाल लोन और अब्दुल घनी भट्ट के नाम शामिल थे।
Yasin Malik picked up. Smells like something good is happening in Kashmir. pic.twitter.com/67F8MsuxXr
— Abhijit Majumder (@abhijitmajumder) February 22, 2019
In the past 24 hours, Hurriyat leaders & workers of Jamaat organisation have been arrested. Fail to understand such an arbitrary move which will only precipitate matters in J&K. Under what legal grounds are their arrests justified? You can imprison a person but not his ideas.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) February 23, 2019