रोहित वेमुला और पायल तड़वी की मां ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका, शिक्षा संस्थानों में जातीय भेदभाव खत्म करने की मांग
नई दिल्ली। रोहित वेमुला और पायल तडवी की मां ने कॉलेज कैंपस में जातिगत भेदभाव को समाप्त करने के लिए कदम उठाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। पीड़ितों की मांओं ने गुहार लगाई है कि शैक्षणिक और अन्य संस्थानों में जातिगत भेदभाव खत्म करने का सशक्त और कारगर मैकेनिज़्म बनाया जाए। याचिकाकर्ता चाहती हैं कि कोर्ट यूजीसी को इस बाबत निर्देश जारी करे ताकि उच्च शैक्षिक संस्थानों के नियमन 2012 को सख्ती से लागू किया जा सके।
अबेदा सलीम तडवी, पायल तडवी की मां और राधिका वेमुला, रोहित वेमुला की मां, ने अपनी याचिका में 2012 के यूजीसी विनियमन का कड़ाई से अनुपालन के लिए एक निर्देश मांगा है, जो इस तरह के भेदभाव को प्रतिबंधित करता है। राधिका वेमुला ने इस साल की शुरुआत में सांप्रदायिक ताकतों से लड़ने की बात कही थी, जिसे वो अपने बेटे की मौत के लिए जिम्मेदार मानती है।
याचिका में यह भी गुहार लगाई गई है कि विश्वविद्यालय और अन्य उच्च शैक्षणिक संस्थानों में सभी छात्रों शिक्षकों को समान अवसर मुहैया करवाने के लिए विशेष सेल बनाएं। इससे अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों, शिक्षकों या कर्मचारियों के साथ भेदभाव की आंतरिक शिकायतों के समय से निपटारे में मदद होगी।
बता दें कि, पीएचडी स्कॉलर रोहित वेमुला ने 2016 में कथित रूप से हैदराबाद विश्वविद्यालय में आत्महत्या कर ली थी। जबकि इस साल डॉक्टर पायल तडवी ने इस साल मुंबई के BYL नायर अस्पताल में उत्पीड़न का सामना करने के बाद कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी।
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