पटना के कई इलाकों में अभी तक भरा है पानी, बन रही है बाढ़ कि स्थिति
पटनाः पिछले कई दिनों से भारी बारिश के कारण जलजमाव के पांच दिन बाद भी पटना के राजेंद्रनगर और आसपास के इलाकों में पांच फुट के आसपास पानी जमा हुआ है। हालांकि कई इलाकों में पानी कि निकासी के लिए पंप लगाए गए हैं। लेकिन राजेंद्रनगर में स्थिति और खराब होती जा रही है। जिला प्रशासन राहत और बचाव का काम चल रहा है, लेकिन अभी भी बहुत अधिक संख्या के लोगों तक सुविधा पहुंच नहीं रही है। पटना में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। प्रदेश में अब तक 73 लोगों की डूबने से मौत हो चुकी है।
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बाढ़ के कारण पटना-गया रेलखंड और पटना बख्तियारपुर रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन ठप हो गया है। जानकारी के मुताबिक परसा इलाके में पुल संख्या 21 पर दबाव बढ़ गया है। इसे देखते हुए यहां भी ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया गया है। वहीं पटना में पुनपुन नदी का जलस्तर लगातार खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है। जलस्तर 53.46 मीटर है, जो खतरे के निशान से ढाई मीटर अधिक है। बुधवार को पुनपुन का रिंग बांध तीन और टूट गया है, जिससे मुख्य बाजार में पानी घुस गया। और अगर हालात ऐसे ही रहें तो पानी पटना नगर तक आ सकता है।
आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर रा ने कहा कि पटना के अलग-अलग इलाके में जलजमाव में फंसे 21 हजार से ज्यादा लोगों को बीते बुधवार को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। अब तक कुल 69752 लोगों को जलजमाव क्षेत्र से बाहर निकाला गया है। पटना में बुधवार को हेलिकॉप्टर से 7500 फूड पैकेट गिराए गए है। शहर में जलजमाव को देखते हुए जिला प्रशासन ने सभी सरकारी और निजी स्कूलों और कोचिंग क्लास को दुर्गापूजा तक बंद करने का निर्देश दिया है।
पटना के शहरी इलाके राजेंद्रनगर, बाजार समिति और सैदपुर के कई इलाकों में पांचवें दिन भी पांच फीट तक पानी जमा है। पानी सड़ने लगा और लोग बदबू से परेशान हैं। अब बीमारियों का खतरा भी लोगों को परेशान करने लगा है। पटना नगर निगम की 75 टीमों को फॉगिंग और ब्लीचिंग के छिड़काव के काम में लगाया गया है। जलजमाव वाले क्षेत्रों में पूजा पंडालों में भी शिविर लगाए जा रहे हैं।
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