'बाबा रामदेव के मन में एलोपैथी के खिलाफ कोई गलत मंशा नहीं', IMA के नोटिस पर पतंजलि ने दी सफाई
'बाबा रामदेव के मन में एलोपैथी के खिलाफ गलत मंशा नहीं', IMA के नोटिस पर पतंजलि ने दी सफाई
नई दिल्ली, 23 मई: कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच योगगुरु बाबा रामदेव के एलोपैथी के खिलाफ दिए बयानों को लेकर विवाद जारी है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने बाबा रामदेव के एलोपैथी वाले बयान पर कड़ी आपत्ति जताने के बाद कानूनी नोटिस भेजा है। जिसके बाद अब पतंजलि आयुर्वेद ने इस पूरे मामले पर सफाई दी है। हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट ने बाबा रामदेव की इस टिप्पणी से इंकार किया है और दावा किया है उनके बयान को तोड़मोड़ कर पेश किया जा रहा है। आईएमए ने शनिवार को केंद्र सरकार से मांग की है कि बाबा रामदेव की 'अज्ञानता भरी' टिप्पणी को लेकर कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा है कि कोरोना काल के दौरान बाबा रामदेव ने एलोपैथी दवाओं को ''मूर्खतापूर्ण विज्ञान'' बताकर लोगों को भ्रमित किया है। आईएमए ने रामदेव को कानूनी नोटिस भेजकर लिखित माफी मांगने और बयान वापस लेने की मांग की है।
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पतंजलि ने बयान जारी कर क्या कहा?
इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए पतंजलि योगपीठ ने कहा है कि बाबा रामदेव का कथित वीडियो को संपादित किया गया है। उसको एडिट करके गलत बयान चलाए जा रहे हैं। जबकि असल में स्वामी जी कुछ और ही बात कही है। संस्करण स्वामी जी द्वारा दिए जा रहे संदर्भ से अलग है।
पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट के महासचिव आचार्य बालकृष्ण द्वारा हस्ताक्षरित बयान में कहा गया है, '' स्वामी जी की आधुनिक विज्ञान और आधुनिक चिकित्सा (एलोपैथी) के अच्छे चिकित्सकों और उनके विज्ञान के प्रति कोई कोई गलत मंशा नहीं है। उनके खिलाफ जो आरोप लगाया जा रहा है वह झूठा और निरर्थक है।''
बाबा रामदेव ने एलोपैथी को लेकर क्या बयान दिया था?
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसका हवाला देते हुए आईएमए ने कहा है कि रामदेव ने एलोपैथी को 'मूर्खतापूर्ण विज्ञान' कहा है। आईएमए ने कहा है कि रामदेव ने कहा है कि कोरोना काल में एलोपैथी दवाएं लेने के बाद लाखों की संख्या में मरीजों की मौत हो गई है।
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दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने बाबा रामदेव के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में लिखा गया है कि, महामारी के दौरान इस संकट की घड़ी में डॉक्टर अपनी जान जोखिम में डालकर, जो संसाधन है, उसी में लोगों का इलाज करने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसे में बाबा रामदेव ने निजी हित के लिए मेडिकल साइंस और मेडिकल पेशे का मजाक और धज्जियां उड़ाई हैं।