कॉपी पेस्ट से बना बाबा का 'स्वदेशी वॉट्सएप', पतंजलि के किंभो पर चैटिंग करना खतरनाक
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नई दिल्ली। बाबा रामदेव ने पहले मोबाइल सिम लॉन्च की और अब वॉट्सएप मैसेंजर एप को टक्कर देने के लिए मार्केट में पतंजली ब्रांड का किंभो नाम का एप उतार दिया। हालांकि, पतंजलि का यह किंभो अन्य एप का कॉपी पेस्ट तो है ही, लेकिन साथ में सिक्योरिटी के हिसाब बहुत खतरनाक है। फ्रांस के जाने-माने सिक्योरिटी रिसर्टर एलिओट एल्डर्सन ने दावा किया है कि किंभो एप को बहुत ही आसानी से एक्सेस किया जा सकता है, सिक्योरिटी और प्राइवेसी के लिए अपने आप में एक चिंता का विषय है।
किंभू के लॉन्च के बाद एल्डर्सन ने ट्वीट कर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने बताया कि 0001 और 9999 के बीच एक सुरक्षा कोड चुनना और इसे अपनी पसंद की संख्या को भेजना संभव है। एल्डर्सन ने कहा है कि इस एप का डिस्क्रिप्शन और किंभो के ऑथेंटिफिकेशन के लिए ओटीपी फोर्मेट एसएमएस 'बोलो' (Bolo) एप का कॉपी है। बता दें कि इससे पहले भी एल्डर्सन दावा कर चुके हैं कि पीएम मोदी का एप भी बोलो एप का ही कॉपी पेस्ट है।
एल्डर्सन ने सिक्योरिटी के हिसाब से किंभो पूरी तरह से डिसास्टर बताया है और कहा है कि कोई भी और बहुत ही आसानी से इस एप को एक्सेस किया जाता है। बाबा का यह स्वदेशी एप लॉन्च होते ही करीब 50 हजार लोगों ने इस डाउनलोड कर दिया, लेकिन कुछ ही घंटों के बाद किंभो प्लेस्टॉर से गायब हो गया।
किंभो बिल्कुल स्वदेशी ऐप है, जो भारत में 200 मिलियन यूजर वाले वॉट्सएप को टक्कर देने के लिए मैदान में उतरा है। हालांकि, इस एप को लेकर ज्यादातर लोगों ने नेगेटिव रिव्यू ही दिया है। किंभो को डाउनलोड करने के बाद कई लोग परेशानी झेल रहे हैं, परंतु पतंजली की तरफ से अभी तक कोई बयान जारी नही हुआ है।