संसदीय समिति ने ट्विटर के पूछा- चीफ जस्टिस पर कुणाल कामरा के ट्वीट पर कार्रवाई क्यों नहीं?
नई दिल्ली। स्टैंड अप कॉमेडियन कुणाल कामरा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब संसदीय समिति ने ट्विटर के अधिकारियों से कुणाल कामरा के ट्वीट को लेकर सवाल पूछे हैं। समिति ने पूछा कि ट्विटर ने भारत के मुख्य न्यायाधीश के बारे में कॉमेडियन कुणाल कामरा के ट्वीट पर कार्रवाई क्यों नहीं की? समिति ने ट्विटर की पॉलिसी हेड महिमा कौल से काफी अहम सवाल किए।
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पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल की संयुक्त समिति की अध्यक्षा मीनाक्षी लेखी के सवाल पर ट्विटर ने कहा कि जब तक अदालत इस तरह के आदेश जारी नहीं करती, तब तक कुणाल कामरा के ट्वीट को नहीं हटाया जा सकता है। इस मामले पर मीनाक्षी लेखी ने कहा कि, हमने 7 दिनों में जवाब मांगा है। चूंकि इनको लेकर भारत में कोई कानून नहीं हैं, इसलिए हमें ऐसे सेवा प्रदाताओं के शीर्ष अधिकारियों से बात करनी होगी।
सूत्रों ने बताया कि बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी की अध्यक्षता वाली पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल की संयुक्त समिति ने सोशल मीडिया कंपनी (ट्विटर) की पॉलिसी हेड महिमा कौल से कड़े सवाल-जवाब किए हैं। इस पैनल में मीनाक्षा लेखी के साथ कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा भी शामिल थे। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस नेता ने भी ट्विटर के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। बता दें कि, कुणाल कामरा पर सुप्रीम कोर्ट को लेकर आपत्तिजनक ट्वीट करने के लिए आपराधिक अवमानना की कार्रवाई हो रही है।
इससे एक दिन पहले भारत के लद्दाख को चीन का हिस्सा बताने पर ट्विटर ने संसदीय समिति से लिखित में माफी मांगी थी। ट्विटर ने अपने जवाब में कहा है कि 30 नवंबर तक इसे ठीक कर दिया जाएगा। दरअसल, ट्विटर इंडिया ने 18 अक्टूबर को एक शख्स की वीडियो कॉलिंग के दौरान लद्दाख की एक लोकेशन को चीन (China) के हिस्से के रूप में दिखा दिया था। इसके बाद सोशल मीडिया पर ट्विटर का विरोध होने लगा था। वहीं, केंद्र सरकार ने ट्विटर से इस पर जवाब मांगा था।
केंद्र सरकार की संसदीय समिति ने 22 अक्टूबर को ट्विटर इंडिया को एक पत्र लिखकर ट्विटर सीईओ जैक डौरसी को भारत की संप्रभुता और भारतीयों की भावनाओं का सम्मान करने को कहा था। सरकार ने चेतावनी देते हुए कहा था कि यह हरकत बर्दाश्त के बाहर है। भारतीय कानून का उल्लंघन और देश की संप्रभुता और अखंडता से खिलवाड़ नहीं किया जाना चाहिए। ट्विटर ने इस मामले में सफाई दी थी। कंपनी ने कहा था कि हम इस तकनीकी समस्या से अवगत हैं। हम इसको समझते हैं और इसकी संवेदनशीलता का सम्मान करते हैं। हमारी टीम ने इसकी जांच की और जियोटैग की इस समस्या को अब हल कर लिया गया है।
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