Parliament's winter session: विपक्ष को PM मोदी की दो टूक, कहा- 'हर सवाल के लिए हम तैयार'
नई दिल्ली, 29 नवंबर। आज से संसद के शीतकालीन सत्र की शुरूआत हो रही है। सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'उनकी सरकार हर किसी के सवाल के जवाब देने को तैयार है। हम खुली चर्चा पर भी रेडी हैं। संसद में सवाल होने चाहिए, लेकिन शांति भी रहे, यह संसद का एक महत्वपूर्ण सत्र है। जो कि देश के हर नागरिक के उज्वल भविष्य के लिए बहुत जरूरी है इसलिए हम चाहते हैं कि संसद का सत्र सुचारू रूप से चले। हम चाहते है कि रचनात्मक और सकारात्मक चर्चा हो। हमें सदन की कार्यवाही का ध्यान रखते हुए मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए।'
इसी के साथ ही पीएम मोदी ने कहा है कि 'कोरोना वायरस के नए वेरिएंट को देखते हुए हम सभी को सतर्क रहना बहुत ज्यादा जरूरी है।' बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से 23 दिसंबर तक चलेगा। ये सत्र इसलिए भी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस बार सरकार तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए विधेयक पेश करने वाली है। सरकार ने 19 नवंबर को तीनों नए कृषि कानून को वापस ले लिया था और किसानों से अपील की थी कि वो अपना आंदोलन बंद करें और अपने घर लौटें।
लोकसभा में सर्वसम्मति से पारित होने की संभावना
मालूम हो कि कृषि कानून निरसन विधेयक 2021 लोकसभा में सर्वसम्मति से पारित होने की संभावना है। इसके बाद इसे आज ही राज्यसभा में पेश किया जा सकता है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर अभी भी पेंच फंसा हुआ है क्योंकि किसानों ने कहा है कि जब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सुनिश्चित करने के लिए कानून नहीं बनता है, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। किसानों ने अपनी मांगों को लेकर पीएम मोदी को पत्र भी लिखा है। आज केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पहली बार लोकसभा में कृषि कानून निरसन विधेयक 2021 पेश करेंगे।
Parliament Winter Session Live: सदन की मर्यादा का मान रखते हुए हो मुद्दों पर चर्चा- PM
हमारी तपस्या में कमी रह गई : पीएम मोदी
मालूम हो कि 19 नवंबर को पीएम मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने का ऐलान किया था। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा था कि 'हम किसानों और कृषि की हालत को सुधराने के लिए नए कृषि कानून लेकर आए थे, जिससे खासकर के छोटे किसानों का भला हो लेकिन इतनी पवित्र बात हम पूर्ण रूप से कुछ किसानों को समझा नहीं पाए, हमारी तपस्या में ही कमी रह गई होगी इसलिए हम तीनों नए कृषि कानून वापस लेते हैं। मैं किसानों से अपील करता हूं कि आप सभी आंदोलन खत्म करें।'