कोरोना काल में संसद के मानसून सेशन में बदली व्यवस्था, वैकल्पिक दिनों में होगा सत्र
नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच इस बार संसद का मानसून सत्र कई सावधानियों के साथ चलेगा। माना जा रहा है लोकसभा और राज्यसभा का मानसून सत्र इस बार सितंबर माह में शुरू होगा। लेकिन इस बार मानसून सत्र की खासियत यह होगी कि यह एक दिन छोड़कर होगा। यानि हर एक दिन के बाद दूसरे दिन सत्र अवकाश रहेगा। ऐसा करोना संक्रमण को देखते हुए किया जा रहा है। सत्र के दौरान लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने के लिए कहा गया है। साथ ही सदन में सदस्यों के बैठने की व्यवस्था में भी परिवर्तन किया गया है।
बैठने
की
विशेष
व्यवस्था
सूत्रों
के
अनुसार
लोकसभा
अध्यक्ष
ओम
बिड़ला
और
राज्यसभा
के
चेयरमैन
एम
वेंकैया
नायडू
ने
संसद
सत्र
की
तैयारियां
शुरू
कर
दी
है।
उन्होंने
सचिवालय
के
स्टाफ
को
इस
बाबत
निर्देश
दिए
हैं
कि
कि
अगले
हफ्ते
तक
सत्र
की
तैयारियों
को
पूरा
कर
लिया
जाए।
सत्र
से
पहले
टेस्टिंग
का
ट्रायल
किया
जाए,
जिससे
कि
सत्र
की
शुरुआत
होने
पर
किसी
भी
तरह
की
असुविधा
ना
हो
और
संक्रमण
के
खतरे
से
लोगों
को
सुरक्षित
रखा
जा
सके।
संसद
के
सूत्रों
के
अनुसार
सदस्यों
के
बैठने
के
लिए
फाइनल
सीटिंग
अरेंजमेंट
किया
जा
रहा
है,
राज्यसभा
चैंबर
में
60
सद्सय
बैठेंगे,
51
सदस्य
गैलरी
में
बैठेंगे
और
बाकी
के
132
सदस्य
लोकसभा
चैंबर
में
बैठेंगे।
डिस्प्ले
लगाए
जाएंगे
इसके
अलावा
सदन
के
कक्ष
में
चार
बड़े
डिस्प्ले
स्क्रीन
जैसे
कई
अडिशनल
इंस्टॉलेशन
को
सुनिश्चित
करने
के
लिए
कार्य
तेजी
से
चल
रहा
है।
कोरोना
वायरस
संकट
के
बीच
सदन
की
कार्रवाई
बिना
किसी
अवरोध
के
चल
सके
इसके
लिए
पहली
बार
राज्यसभा
चैंबर
में
4
बड़ी
स्क्रीन
और
इसके
साथ
ही
राज्यसभा
गैलरी
में
1
बड़ी
और
4
छोटी
स्क्रीन
लगाने
का
काम
चल
रहा
है।
पुख्ता
तैयारी
मॉनसून
सत्र
को
सफल
बनाने
के
लिए
कोरोना
संकट
को
देखते
हुए
गैलरी
में
ऑडियो
कंसोल
और
अल्ट्रावॉयलेट
कीटाणुनाशक
रेडिएशन
का
इस्तेमाल
किया
जा
रहा
है।
इतिहास
में
ऐसा
पहली
बार
हो
रहा
है
जब
तकनीक
के
माध्यम
से
दोनों
सदनों
को
जोड़ा
जा
रहा
है।
दोनों
सदनों
को
जोड़ने
के
लिए
ऑडियो-विजुअल
सिग्नल
के
प्रसारण
का
इस्तेमाल
किया
जा
रहा
है,
दोनों
सदनों
के
बीच
एक
विशेष
केबल
बिछाई
छा
रही
है।
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