अब संसद में 'पप्पू', 'बहनोई' और 'दामाद' नहीं बोल सकेंगे सांसद, फिर भी नहीं माने तो मिलेगी ये सजा
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नई दिल्ली। लोकसभा में अब कोई भी नेता किसी दूसरे सांसद को 'पप्पू' कह कर संबोधित नहीं कर सकेगा। हाल ही में असंसदीय शब्दों की सूची में ऐसे कई शब्द को जोड़ा गया है जिनमें से अगर किसी भी सांसद ने उसका इस्तेमाल किया तो उसे बिना पूछे सदन से बाहर कर दिया जाएगा। इन्हीं शब्दों में से एक है 'पप्पू' जिसका इस्तेमाल 16वीं लोकसभा में कई बार किया जा चुका है। वहीं, अगर किसी का नाम पप्पू है तो वो असंसदीय शब्दों की सूची में नहीं आएगा।
क्या है असंसदीय शब्दों की सूची?
संसद में पक्ष-विपक्ष के बीच तीखी बहस होती रहती है, इस बहस में किसी अभद्र भाषा का इस्तेमाल ना किया जा सके इसलिए कई शब्दों के इस्तेमाल पर बैन लगाया गया है। इस सूची में ऐसे शब्दों को भी शामिल किया जाता है जो किसी का मखौल उड़ाने में किया जाता हो। 'पप्पू' शब्द का इस्तेमाल काफी बार सदन में किया जा चुका है जो मजाक बनाने के इरादे से कहा गया है, इसलिए अब इस शब्द को बैन कर दिया गया है।
इन शब्दों को भी किया गया बैन
लोकसभा में 'पप्पू' के अलावा 'बहनोई' और 'दामाद' को भी असंसदीय सूची में शामिल किया गया है। अगर कोई भविष्य में इन शब्दों का इस्तेमाल किसी अन्य सांसद के उपहास, अपशब्द के लिए करता है तो उसे बिना पूछे संसद की कार्रवाई से निकाल दिया जाएगा। हालांकि 'बहनोई' और 'दामाद' शब्दों को तभी असंसदीय माना जाएगा जब इनका इस्तेमाल गलत मकसद के लिए किया जाएगा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि, अगर मुझसे भी यह शब्द निकाल जाए तो निःसंकोच उन्हें हटा दिया जाए।
'गोडसे' शब्द से हटा बैन
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या के बाद नाथूराम गोडसे के सरनेम को भी संसद में बैन कर दिया गया था, कुछ साल पहले ही महाराष्ट्र के एक सांसद के लिखित अनुरोध के बाद 'गोडसे' को असंसदीय शब्दों की सूची से हटाया गया था। सांसद ने कहा कि, गोडसे सरनेम से उनके क्षेत्र में काफी लोगों के नाम है ऐसे में इसे असंसदीय सूची में रखना सही नहीं है। हाल ही में कई बार सांसदों को गोडसेपंथी कहकर अपमान के इरादे से इस शब्द का इस्तेमा किया गया था।
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