#ParikshaPeCharcha: क्या है योग निद्रा विधि, जिसका जिक्र PM मोदी ने छात्रों से किया
नई दिल्ली। आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्न मोदी बच्चों से परीक्षा पर चर्चा की और बच्चों के सवालों के जवाब दिए। ये वो बच्चे थे जो बोर्ड और प्रतियोगी परिक्षाओं की तैयारी में जुटे थे। छात्रों के सवालों का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने योग के महत्व के बारे में बताया और कहा कि योग की वजह से ध्यान केंद्रित होता है। पीएम ने कहा कि योग आसन के संबंध में भ्रम है जबकि ये विज्ञान है। आपको जो आसन अच्छा लगे और कंफर्ट दे उसे शुरू करें। दुनिया के कई परिवारों में बच्चों की हाईट बढ़ाने के लिए ताड़ासन को रेगुलराइज कर दिया गया है। मन में तो ये रहता है कि ताड़ासन कर रहा हूं तो मेरी हाईट बढ़ेगी। ये प्रक्रिया है। मोदी ने ये भी कहा कि एग्जाम को दौरान नींद का त्याग ना करें।
इसका मतलब ये नहीं कि आप सोते ही रहे
लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप सोते ही रहे, बल्कि आपकी नींद ऐसी होनी चाहिए कि मात्र 30 सेकंड में आपको बेड पर नींद आ जाए और उसके बाद आप अपने निर्धारित वक्त पर बिना किसी के जगाए जग जाए। मोदी ने योग निद्रा पर जोर दिया और कहा कि इसके करने से आप तनाव मुक्त हो जाएंगे।
क्या है योग निद्रा..
योगनिद्रा का अर्थ होता है आध्यात्मिक नींद। यह वह नींद है, जिसमें जागते हुए सोना है। सोने व जागने के बीच की स्थिति है योग निद्रा। इसे स्वप्न और जागरण के बीच ही स्थिति मान सकते हैं। ईश्वर का अनासक्त भाव से संसार की रचना, पालन और संहार का कार्य योग निद्रा कहा जाता है। मनुष्य के सन्दर्भ में अनासक्त हो संसार में व्यवहार करना योग निद्रा है।
लाभ
योगनिद्रा द्वारा शरीर व मस्तिष्क स्वस्थ रहते हैं। यह नींद की कमी को भी पूरा कर देती है। इससे थकान, तनाव व अवसाद भी दूर हो जाता है। योगनिद्रा द्वारा मनुष्य से अच्छे काम भी कराए जा सकते हैं। बुरी आदतें भी इससे छूट जाती हैं।
योगनिद्रा 10 से 45 मिनट तक की जा सकती है
योगनिद्रा का प्रयोग रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग, सिरदर्द, तनाव, पेट में घाव, दमे की बीमारी, गर्दन दर्द, कमर दर्द, घुटनों, जोड़ों का दर्द, साइटिका, अनिद्रा, अवसाद और अन्य मनोवैज्ञानिक बीमारियों, स्त्री रोग में प्रसवकाल की पीड़ा में बहुत ही लाभदायक है। खिलाड़ी भी मैदान में खेलों में विजय प्राप्त करने के लिए योगनिद्रा लेते हैं। योगनिद्रा 10 से 45 मिनट तक की जा सकती है।
कैसे करें
सबसे पहले साफ स्थान पर चादर बिछाकर पीठ के बल शवासन में लेट जाएं। इसके बाद अपनी आंखें बंद कर लें। फिर गहरी सांस ले और फिर धीरे-धीरे सांस को छोड़े। शरीर को हिलाना नहीं है, नींद नहीं निकालना, यह एक मनोवैज्ञानिक नींद है, विचारों से जूझना नहीं है। अपना ध्यान अपने दाहिने पंजे पर ले जाये। कुछ सेकंड तक यहाँ अपना ध्यान बनाये रखें। पंजों को विश्रामावस्था में लाये। इसके बाद धीरे-धीरे अपनी आंखें खोले, आप अपने आपको तरोताजा पाएंगे।
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