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पीएम मोदी ने छात्रों से कहा-प्रतिस्पर्धा नहीं, अनुस्पर्धा कीजिए
नई दिल्ली। बोर्ड परीक्षा की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है, एग्जाम का ये दौर बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावकों के लिए काफी तनाव भरा होता है। कई बच्चे तो इस तनाव को सह लेते हैं लेकिन कई बच्चों के लिए एग्जाम का दवाब आसान नहीं होता है इसलिए आज पीएम नरेंद्र मोदी ने एक अनोखी पहल की हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में छात्रों को परीक्षा के तनाव से मुक्त होने के लिए गुरुमंत्र दिए। उन्होंने स्टेडियम में मौजूद छात्रों के अलावा टीवी के माध्यम से जुड़े छात्रों के लाइव सवालों के भी जवाब दिए।
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प्रधानमंत्री ने कहा, 'आपको अंदर से कुछ खाली करना सीखना चाहिए...फोकस करके रहेंगे तो चेहरे पर भी तनाव रहेगा...मेरे कुछ साथ मुझसे कहते थे कि जब आप टीवी पर बैठते हैं तो गंभीर क्यों होते हैं...ऐसा इसलिए होता है कि मैं डिफोकस नहीं होता हूं...जैसे ही मैं डिफोकस होता हूं तो सब कुछ सामान्य हो जाता है।'
दूसरों की सोच, परवरिश, माहौल, सपने, रूचि अलग हैं। लेकिन आप स्वतंत्र व्यक्ति हैं। आपको उसके पूरे ईको-सिस्टम का पता नहीं है। ऐसे में आप निराशा में आ जाता हो। पहले तय करो कि आपके भीतर क्या है? आप किस चीज में मजबूत हो? खेल जगत के बड़े नामों को देखिए। कोई उनकी डिग्री पूछता है क्या? खुद को न जानना समस्या का कारण होता है।’’
"योग आसन के संबंध में भ्रम है कि इस आसन से ऐसा होता है, उस आसन से वैसा होता है। ये विज्ञान है। आपको जो आसन अच्छा लगे और कंफर्ट दे उसे शुरू करें। दुनिया के कई परिवारों में बच्चों की हाईट बढ़ाने के लिए ताड़ासन को रेगुलराइज कर दिया गया है। मन में तो ये रहता है कि ताड़ासन कर रहा हूं तो मेरी हाईट बढ़ेगी। ये प्रक्रिया है। ये सिखाता है कि शरीर मन औऱ बुद्धि साथ कैसे काम कर रहे हैं, ठीक कर रहे हैं या नहीं।"
- "मैं खड़ा हूं तो आप कहेंगे कि मैं अपने पैरों पर खड़ा हूं। लेकिन, अगर बारीकी से देखोगे तो आप अपने पैरों पर नहीं खड़े हो। बॉडी को देखो तो पता चलेगा कि वेट कमर पर है। फिर देखोगे कि बटक में है, फिर देखोगे तो पता चलेगा कि नी और एंकल पर है। बाद में पता चलेगा कि तलवे पर वेट आता है।"
आपके लिए जो अनुकूल है, वही करिए। योग का मतलब बॉडी बेंडिंग नहीं होता है,नींद बहुत जरूरी है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि सोते ही रहें। मुझे बिस्तर पर जाने के बाद सोने में 30 सेकंड से ज्यादा नहीं लगता। आप भी अपनी नींद को वेरिफाइ करिएष हम समाज के लोगों से जितना संपर्क में आते हैं हमारा EQ मजबूत हो जाता है। आईक्यू सफलता दे सकता है लेकिन संवेदना देने में EQ का रोल होता हैः पीएम मोदी
इस पर पीएम मोदी ने कहा कि ये सवाल बहुत से बच्चों ने पूछा है। आत्मविश्वास और मेहनत में कमी नहीं होनी चाहिए , मैं बचपन में स्वामी विवेकानंद को पढ़ता था। वे कहते थे- अहम् ब्रह्मास्मी। यानी अपने आप को कम मत मानो। उस जमाने में 33 करोड़ देवी-देवताओं की चर्चा हुआ करती थी। वे कहते थे कि 33 करोड़ देवता तुम पर कृपा बरसा भी देंगे, लेकिन अगर तुममें आत्मविश्वास नहीं होगा तो 33 करोड़ देवी-देवता भी कुछ नहीं कर पाएंगे।
मैं अभिभावकों को कहता हूं कि बच्चों को सोशल स्टेटस मत बनाइए। कोई बालक ऐसा नहीं होता जिसके अंदर कोई विशेषता नहीं होती है, हर बच्चा अपने आप में अनोखा होता है लेकिन अभिभावकों ने बच्चों की उपलब्धि को सोशल स्टेटस बना दिया है। किसी और की कथा सुनकर अपने बच्चों को कहते हैं कि वे बेकार हैंः पीएम मोदी
आप अपने दोस्तों के साथ स्पर्धा में क्यों उतरते हैं? आपके सपने अलग हैं, पर्यावरण अलग है। पहले हमें खुद को जानना चाहिए। जब आप प्रतिस्पर्धा में उतरते हैं तो तनाव महसूस होता है। आप खुद के लिए काम करिए। प्रतिस्पर्धा अपने आप हो जाएगी, पहले आप खुद को जाने की कोशिश करें और जिसमें समर्थ हैं, उसी में आगे बढ़ने की कोशिश करिएः पीएम मोदी
अगर आप योग करते हैं तो ध्यान केंद्रित करने में आसानी होगी, अगर आप दोस्त के साथ बात कर रहे हैं और आपका प्रिय गाना चल रहा है। अब आपका ध्यान दोस्त के साथ चला गया। आप खुद पता लगाइये कि वे कौन सी बातें हैं जिनपर आप ध्यान देते हैं और पता करिए कि आप ऐसा क्यों करते हैं? अगर आप वही तरीका पढ़ाई में लगाएंगे तो ध्यान केंद्रित करने का दायरा बढ़ता जाएगाः पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि जिस वक्त मैंने देश में स्वच्छ भारत अभियान चलाया था उस वक्त लोगों ने मेरा साथ दिया। लोग घरों और घर के बाहर कचरा फैलाने में सजग हो गए, इसका सकारात्मक असर हमारे बच्चों पर पड़ा। इस अभियान में मीडिया ने भी काफी मदद की। उसकी वजह से बच्चे जागृत हुए।आज यह अभियान हर एक की जिम्मेदारी बन गई है।
पीएम ने छात्रों से कहा कि भूल जाइए कि आप किसी प्रधानमंत्री के साथ बात कर रहे हैं। ये पक्का कर लीजिए कि मैं आपका दोस्त हूं। आपके परिवार का दोस्त हूं। आपके अभिभावकों का दोस्त हूं। एक प्रकार से आज मेरी परीक्षा है। आज आप लोग मेरी परीक्षा लेने वाले हैं। देशभर के 10 करोड़ से ज्यादा बच्चे और उनके परिवार के लोगों के साथ रूबरू होने का मुझे मौका मिला है। मैं उन शिक्षकों को नमन करना चाहूंगा, जिन्होंने मुझे अभी भी विद्यार्थी बनाए रखा है। मुझे सबसे बड़ी शिक्षा मिली कि भीतर के विद्यार्थी को कभी मरने मत देना। अंदर का विद्यार्थी जीवनभर जीता है तो हमें जीने की ताकत देता है।
इससे पहले प्रोग्राम के लिए पीएम ने ट्विटर और @mygovindia पर लोगों से सुझाव बुलाए थे। स्टूडेंट्स नरेंद्र मोदी ऐप और सोशल मीडिया के जरिए हैशगैट #ExamWarriors के साथ परीक्षा की तैयारियों में तनाव को लेकर उनसे सवाल पूछ सकते हैं। मोदी ने ट्वीट में कहा था- ''परीक्षा के दौर में वॉरियर बनें न कि वरियर।''
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English summary
PM Modi to conduct an interactive session with students at Delhi's Talkatora Stadium on February 16, Friday, which is being dubbed as 'Exam Ki Baat'. here is live updates
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