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या तो शूट‍िंग ही कर लें, या चुनाव लड़ लें परेश रावल

By Mayank
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paresh rawal candidate
गांधीनगर। भाजपा को जब परेश रावल की 'हेराफेरी' याद आई थी, तो अहमदाबाद पूर्व से छह बार चुनाव जीत चुके हरीन पाठक का टिकट काट दिया गया था। प्रतिष्ठा का सवाल बनी इस सीट पर टिकट पाने वाले अभिनेता परेश रावल का चुनाव प्रचार के बीच फिल्म की शूटिंग के लिए बार-बार छूमंतर होना पार्टी के लिए सर दर्द बन गया है।

भाजपा कार्यकर्ताओं को जहां खुद के साथ परेश की यह खलनायकी बेहद नागवार गुजर रही है, तो वहीं कांग्रेस उम्मीदवार हिम्मत सिंह पटेल ने इसे बड़ा चुनावी मुद्दा बना लिया है।

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पटेल यह कहकर मतदाताओं को सावधान करने की कोशिश करते हैं कि जिस बाहरी उम्मीदवार को चुनाव प्रचार के दौरान भी मतदाताओं से मिलने का समय नहीं है वह चुनाव के बाद क्षेत्र में कितनी बार आएगा।

मतदाताओं को उम्मीदवारों के नाम तक नहीं मालुम -

कांग्रेस के इस हमले से भाजपा कार्यकर्ता असहज होने के बावजूद अपने पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट मांग रहे हैं। इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ने पुराने उम्मीदवार बदल दिए हैं। मजे की बात यह है कि दूरदराज के भाजपा और कांग्रेस के कई समर्थक मतदाताओं को पार्टी के नए उम्मीदवार का नाम तक पता नहीं है।

उम्मीदवार का नाम पूछने पर कोई भाजपा के पुराने उम्मीदवार पाठक का नाम बताता है तो कोई कांग्रेस के पुराने उम्मीदवार दीपक भाई रतीलाल का। बॉलीवुड के सितारों और मोदी बीच संपर्क सेतु की भूमिका निभाने के कारण बतौर इनाम मिले टिकट के बाद परेश रावल जीत के प्रति कुछ ज्यादा ही आश्वस्त दिख रहे हैं।

नामांकन के बाद रावल तीन बार चुनाव प्रचार छोड़ शूटिंग के लिए गायब हो चुके हैं। पाठक का टिकट कटने से पहले से ही नाराज चल रहे पार्टी कार्यकर्ता परेश की चुनाव प्रचार से दिखाई जा रही दूरी से सकते में हैं।

फिर टिकट कटने के बाद पाठक ने भी इस सीट से स्थाई दूरी बना ली है।मोदी के नाम पर रावल को थोड़ी राहत परेश के लिए राहत की बात महज इतनी है कि यहां मतदाताओं का एक बड़ा वर्ग और भाजपा कार्यकर्ता मोदी को छोटी कुर्सी के बाद बड़ी कुर्सी पर बैठे देखना चाहते हैं। हालांकि कांग्रेस उम्मीदवार रावल की अनुपस्थिति को बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने की लगातार कोशिश करते रहे हैं।

जहां तक भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी जंग वाली इस सीट की वर्तमान स्थिति की बात है तो रावल को देहगाम, गांधीनगर साउथ और नरोदा इलाके में रतीलाल से कड़ी टक्कर मिलती दिख रही है। इसके उलट वातवा, निकोल, ठक्कर बापानगर और बापूनगर में भाजपा की स्थिति मजबूत लगती है।

बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इस संसदीय सीट की सात विधानसभा सीटों में से छह सीटों पर कब्जा कर अपनी ताकत का अहसास कराया था। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर पाठक का टिकट कटने के कारण मतदान के दिन पार्टी कार्यकर्ताओं ने बेरुखी दिखाई तो यहां भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला और ज़ोरदार हो जाएगा।

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English summary
Paresh Rawal is doing unfair for bjp and somwhere with the public of his constituency by going out for shoot leaving his seat.
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