FB पर छोटी-छोटी बच्चियों की तस्वीरों पर गंदी नजरें डालते 'पीडोफाइल्स'
बेंगलुरु। लखनऊ के आरके मेहरा अपने परिवार के साथ नैनीताल घूमने गये। वापस आते ही मेहरा साहब, उनकी पत्नी ने फेसबुक पर अपनी नैनीताल ट्रिप की तस्वीरें अपलोड कर दीं। मेहरा साहब को लगा मेरे दोस्त-रिश्तेदार देखेंगे, ढेर सारे कमेंट मिलेंगे, लाइक मिलेंगे... लेकिन शायद उन्हें इस बात का कतई भी अंदाजा नहीं था, उन्हीं तस्वीरों के बीच उनकी 9 साल की बेटी की फोटो भी है, जिसे मुंबई में बैठा 35 साल का व्यक्ति रोज सुबह-शाम देखता है और मन में गंदी-गंदी बातें सोचता है।
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जी हां ये वो दरिंदे हैं, जो 10 से 15 साल या फिर उससे भी छोटी-छोटी बच्चियों की तस्वीरों को देखने के शौकीन होते हैं। ये वो दरिंदे हैं, जो सिगरेट-शराब का नहीं, बल्कि फेसबुक पर छोटी-छोटी बच्चियों की तस्वीरें देखने का नशा होता है। डॉक्टरी भाषा में ऐसे लोगों को पीडोफिलिक कहते हैं, जिनके लिसे फेसबुक इस वक्त बेस्ट डेस्टीनेशन बन गया है।
हाल ही में केरल में एक 35 साल का व्यक्ति पकड़ा गया, जो फेसबुक पर लोगों से दोस्ती करता और अपने दोस्तों की बेटियों की तस्वीरों पर जाकर कमेंट करता। जब तक वो एक-दो लड़कियों की तस्वीरों पर कमेंट न कर दे, तब तक उसे चैन नहीं मिलता। फेक आईडी बनाकर मलयालम भाषा में कमेंट करने वाला यह व्यक्ति तब पकड़ में आय, जब केरल की साइबर पुलिस ने एक स्पेशल अभियान चलाया। कुछ लोगों ने पुलिस में शिकायत दर्ज करायी कि उनकी बेटियों की तस्वीरों पर वल्गर कमेंट आ रहे हैं।
बच्चों पर अश्लील बातें करने वाले पेज
फेसबुक पर ऐसे तमाम पेज हैं, जो सिर्फ चाइल्ड सेक्स की बात करते हैं। असल में वो पेज बनाने वाले बच्चे नहीं, पीडोफीलिक लोग हैं, जो हर दम बच्चों के साथ यौन संबंध बनाने की फिराक में रहते हैं। अप्रैल 2015 में तिरुवनंतपुरम पुलिस ने दो फेसबुक पेज बंद करवाये। उसके बाद चेन्नई की सीबीस-सीआईडी पुलिस ने तिरुपति से दो लोगों को गिरफ्तार किया, जो फेसबुक पर सिर्फ चाइल्ड सेक्स से संबंधित कंटेंट व तस्वीरें परोसते थे। उनके ग्रुप में 3000 से ज्यादा लोग थे। पुलिस की रिपोर्ट पर उस ग्रुप को फेसबुक ने बैन कर दिया है।
तिरुवनंतपुरम पुलिस के अनुसार दो पेज ‘कोचू सुदरिगल' और 'हॉट लिटिल एन्जेल्स' से जुड़े लोगों के सोशल बिहेवियर की स्कैनिंग जब साइबर पुलिस ने की तो पाया गया कि ये लोग टीनेज लड़कियों की तस्वीरें देखना ज्यादा पसंद करते थे। असल में ये पेज नहीं बल्कि पीडोफीलिक लोगों की एक गुफा थी। चेन्नई पुलिस ने जिन युवकों को गिरफ्तार किया, वे युवक फेक आईडी से दोस्ती करते और फेसबुक फ्रेंड्स की बेटियों की तस्वीरों को फोटोशॉप की मदद से अश्लील बनाते और फिर ग्रुप में डाल देते थे।
माता-पिता के लिये गाइडलाइंस
- यदि आपके बच्चे की तस्वीर को डाउनलोड करके अगर उसके साथ छेड़छाड़ करता है, या उसे अश्लील बनाकर वापस अपलोड करता है, या उसे अश्लीलता के साथ विज्ञापन में इस्तेमाल करता है या किसी उत्पाद के प्रोमोशन में इस्तेमाल करता है, तो उसके खिलाफ आप पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा सकते हैं। रिपोर्ट के आधा रपर उस व्यक्ति पर धारा 67B(b) के अंतर्गत केस लगेगा।
- पोक्सो ऐक्ट के सेक्शन 13 के अनुसार यदि किसी भी बच्चे की तस्वीर को (मीडिया, विज्ञापन, प्रोमोशन, सोशल नेटवर्किंग, आदि में) अश्लील ढंग से परोसा जाता है तो ऐसा करने पर 3 साल की जेल हो सकती है।
- पोक्सो के सेक्शन 15 के अनुसार चाइल्ड पोर्नोग्राफी के अंतर्गत कम से कम 3 साल और भारी जुर्माने का प्रावधान है।
क्या कहते हैं मनोचिकित्सक
बेंगलुरु के मनोचिकित्सक डा. रघुराम रेड्डी कहते हैं कि ऐसे लोग जो पीडोफीलिया से ग्रसित होते हैं, वे बच्चों की ओर आकर्षित होते हैं। मौका मिलने पर बच्चों की अस्मिता पर प्रहार करने में जरा भी देर नहीं लगाते। ऐसे लोग जब छोटी-छोटी बच्चियों को देखते हैं, तो बड़े प्यार से उनके ऊपर हाथ फेरने या छूने की कोशिश करते हैं। और जब बंद कमरे में फेसबुक या किसी सोशल साइट पर किसी बच्ची की तस्वीर देखते हैं, तो गलत-धारणाएं उनके दिमाग के अंदर गोते लगाने लगती हैं।