Parasite: ऑस्कर पाने वाली फ़िल्म की पूरी कहानी क्या है?
दक्षिण कोरियाई फ़िल्म पैरासाइट ने 2020 के ऑस्कर में सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म का पुरस्कार जीत कर इतिहास रच दिया है. ऑस्कर के 92 साल पुरने इतिहास में ये पहली बार है जब विदेशी भाषा की एक फ़िल्म (एशियाई फ़िल्म) को बेस्ट फ़ीचर फ़िल्म का पुरस्कार मिला है. निर्माता क्वाक सिन आए और निर्देशक बोंग जून-हो की इस फ़िल्म को कुल छह पुरस्कारों के लिए नॉमिनेट किया गया था.
दक्षिण कोरियाई फ़िल्म पैरासाइट ने 2020 के ऑस्कर में सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म का पुरस्कार जीत कर इतिहास रच दिया है.
ऑस्कर के 92 साल पुरने इतिहास में ये पहली बार है जब विदेशी भाषा की एक फ़िल्म (एशियाई फ़िल्म) को बेस्ट फ़ीचर फ़िल्म का पुरस्कार मिला है.
निर्माता क्वाक सिन आए और निर्देशक बोंग जून-हो की इस फ़िल्म को कुल छह पुरस्कारों के लिए नॉमिनेट किया गया था.
इसे सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म के साथ-साथ, सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय फ़ीचर फ़िल्म और ओरिजनल स्क्रीनप्ले का ऑस्कर भी मिला है.
इस फ़िल्म का प्रीमियर 2019 के कान फिल्म फेस्टिवल में भी हुआ था. ओरिजनल स्क्रीनप्ले के लिए ये फ़िल्म बाफ्टा में भी पुरस्कार जीत चुकी है.
दुनिया भर में अभिनेताओं, निर्देशक और फ़िल्मों से जुड़े लोग क्वाक सिन आए और बोंग जून-हो को बधाई संदेश दे रहे हैं.
दक्षिण कोरिया राष्ट्रपति मून जेई इन जून-हो और फ़िल्म से जुड़े सभी लोगों को बधाई दी और कहा कि "मुश्किल परिस्थितियों से जूझ रहे लोगों के संघर्ष की कहानी दिखने के लिए आपका शुक्रिया."
बताया जा रहा है कि पैरासाइट एक ब्लैक कॉमेडी फ़िल्म हैं जिसमें बोंग जून-हो सामाजिक असमानता, पूंजीवाद और मूलभूत सुविधाओं के लिए लोगों के बीच के संघर्ष को दिखाने की कोशिश कर रहे हैं.
पैरासाइट की कहानी दो परिवारों के बीच के रिश्तों की कहानी है जहां एक संपन्न परिवार दूसरे परिवार की सेवाओं पर निर्भर है तो दूसरा परिवार अपना पेट भरने के लिए पहले परिवार की संपत्ति पर निर्भर है.
किम परिवार एक मकान के बेसमेंट में रहता है और इस परिवार को लगता है कि वो पार्क परिवार के लिए काम कर आराम की ज़िंदगी बसर कर सकते हैं.
किम परिवार के मुखिया हैं की-ताएक और उनका परिवार छोटे मोटे काम कर गुज़र बसर करता है. परिवार के बेटे की-वू का मित्र एक दिन उसे बताता है कि वो एक धनी परिवार (पार्क परिवार) की बेटी को ट्यूशन देता था लेकिन उसे आगे की पढ़ाई के लिए विदेश जाना है.
वो कहता है कि वो चाहता है की-वू उसे ट्यूशन देना शुरु करे. मुश्किल से जीवन गुज़ारने वाला की-वू कॉलेज तक पास नहीं कर सका, लेकिन वो इसके लिए तैयार हो जाता है और फर्जी डिग्री तक बनवा लेता है.
पार्क परिवार से मुलाक़ात के बाद की-वू को पता चल जाता है कि उसे अच्छी ज़िदगी के लिए इस परिवार से जुड़े रहना होगा. जब पार्क परिवार को अपने बेटे के लिए एक आर्ट टीचर की ज़रूरत होती है तो वो इसके लिए अपनी बहन का नाम सुझाता है. अपनी बहन के लिए भी वो फ़र्ज़ी डिग्री बनवाता है.
आराम की ज़िंदगी बसर करने के लिए ये दोनों मिल कर किसी न किसी तरह पार्क परिवार के सभी नौकरों की छुट्टी करवाते हैं और अपने परिवार के सदस्यों को वहां काम दिलवाते हैं.
पार्क परिवार के लिए सालों से काम कर रही मून क्वांग नौकरी से निकाले जाने के बाद एक दिन अचानक अपना सामान लेने लौटती है. उसने अपने पति कोमकान के बेसमेंट में सालों से छिपा कर रखा था. ये बात किम परिवार के सदस्यों को पता चलती है.
लेकिन इस दौरान मून क्वांग को पता चलता है कि पार्क परिवार में अलग-अलग नाम काम करने आए सभी लोग किम परिवार से सदस्य हैं. वो उन्हें ब्लैकमेल करती है और कहती है कि वो उन्हें वहीं बेसमेंट में रहने दें.
आगे की कहानी ख़ुद को ज़िन्दा रखने की कोशिश में अपने झूठ को बनाए रखने और परिवार के सदस्यों की जान बचाने की है, जिसमें पूरा किम परिवार बिखर जाता है.