हनीट्रैप: अब पैरामिलिट्री फोर्सेज के जवानों को फेसबुक पर आ रहीं है फ्रेंड रिक्वेस्ट, भेजा गया अलर्ट
अभी तक सेना के रिटायर्ड और सर्विंग ऑफिसर्स को सोशल मीडिया के जरिए जाल में फंसाने की कोशिशों के बाद अब लगता है पाकिस्तान की नजरें देश के अर्धसैनिक सुरक्षाबलों के जवानों और ऑफिसर्स पर हैं।
नई दिल्ली। अभी तक सेना के रिटायर्ड और सर्विंग ऑफिसर्स को सोशल मीडिया के जरिए जाल में फंसाने की कोशिशों के बाद अब लगता है पाकिस्तान की नजरें देश के अर्धसैनिक सुरक्षाबलों के जवानों और ऑफिसर्स पर हैं। इंग्लिश डेली हिन्दुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक पैरामिलिट्री फोर्सेज की सोशल मीडिया सेल की नजर फेसबुक पर आई इस तरह की फ्रेंड रिक्वेस्ट्स पर गई हैं जो ज्यादातर महिलाओं की ओर से भेजी गई हैं। यह प्रोफाइल पहली ही नजर में फेक नजर आती हैं और फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजने वाली महिलाएं खुद को कभी रिसर्च स्कॉलर तो कभी टूरिस्ट की तौर पर बता रही हैं और जवानों से दोस्ती करने की कोशिशें कर रही हैं।
चीन और पाकिस्तान के हैंडलर्स कर रहे ऑपरेट
पैरामिलिट्री सोशल मीडिया सेल के मुताबिक इन फेक अकाउंट्स को चीन और पाकिस्तान में बैठे हैंडलर्स ऑपरेट कर रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारियों की मानें तो इस तरह की फ्रेंड रिक्वेस्ट्स में पिछले दो तीन वर्षों में काफी इजाफा हुआ है। सबसे दिलचस्प बात है कि फ्रेंड रिक्वेस्ट्स देश के पूर्वी और पश्चिमी सीमाओं पर तैनाता जवानों के पास सबसे ज्यादा आ रही हैं। अधिकारियों के मुताबिक सिस्टम के मजबूत होने की वजह से अभी तक कोई भी संवेदनशील जानकारी लीक नहीं हो सकी है। जो मैसेजज फ्रेंड रिक्वेस्ट्स के साथ भेजे जा रहे हैं वह कुछ इस तरह के हैं, 'मैं चीन की स्टूडेंट हूं और एक बड़ी इंटरनेशनल इंटर्नशिप के लिए इंडो-चाइना बॉर्डर पुलिस पर एक एस्से लिखना है। क्या आपके लिए यह सहज होगा कि आप मुझसे अपनी डेली लाइफ से जुड़ी कोई स्टोरी शेयर कर सकें?अगर आपको अगली बार मेरी मदद की जरूरत पड़ी तो मैं आपकी मदद करने की पूरी कोशिश करूंगी।'
जवानों को दी गई हैं खास गाइडलाइंस
एक अधिकारी के मुताबिक फोर्सेज के लिए तय की गई गाइडलाइंस के तहत जवान और ऑफिसर्स को अजनबियों की फ्रेंड रिक्वेस्ट्स को एक्सेप्ट करने की मनाही है। इसके अलावा उन्हें अपनी प्रोफाइल पर ऑफिशियल जानकारी भी नहीं देनी है। आपको बता दें कि इंटेलीजेंस एजेंसियों की ओर से सरकार को अलर्ट किया गया था और कहा गया था कि चीन-पाकिस्तान सुरक्षा से जुड़ी जानकारियां हासिल करने के लिए सेना के ऑफिसर्स को फंसाने का जाल फैला रहे हैं। सरकार को अलर्ट में कहा गया था कि हनीट्रैप के जरिए सेना के अफसरों को फंसाने के लिए चीनी और पाकिस्तानी लड़कियों का प्रयोग किया जा रहा है। पिछले कुछ समय से देश में हनीट्रैप के कई मामले सामने आए हैं और इसमें लगातार इजाफा हो रहा है।
फरवरी में IAF ऑफिसर गिरफ्तार
फरवरी में इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) के ऑफिसर ग्रुप कैप्टन अरुण मारवाह को हनीट्रैप के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और यह हनी ट्रैप के मामले में बड़ी कार्रवाई थी। मारवाह पर आरोप है कि उन्होंने देश की सुरक्षा से जुड़ी कई अहम जानकारियां पाकिस्तान की इंटेलीजेंस एजेंसी आईएसआई को मुहैया कराईं। पाकिस्तान की तरफ से ऐसी कोशिशें की जा चुके हैं। प कैप्टन अरुण मारवाह जिनकी उम्र 51 वर्ष है, दिल्ली आईएएफ के हेडक्वार्टर पर तैनात थे। 31 जनवरी को उन्हें एयरफोर्स की इंटेलीजेंस विंग ने स्मार्टफोन के साथ गिरफ्तार किया था। शुरुआती जांच में पता लगा था कि मारवाह को दो महिलाओं की ओर से लालच दिया गया था। इन दोनों महिलाओं ने किरन रंधावा और महिमा सिंह के नाम से फेसबुक पर प्रोफाइल बनाई थी और ये दोनों महिलाएं पाकिस्तान की एजेंसी आईएसआई से जुड़ी थीं। कहा जा रहा है कि दोनों महिलाएं मारवाह को ब्लैकमेल कर रही थीं।
आम नागरिकों पर भी नजरें
शुक्रवार को ही पंजाब पुलिस ने पाकिस्तान की इंटेलीजेंस एजेंसी आईएसआई के लिए काम करने वाले एक भारतीय युवक को अमृतसर से गिरफ्तार किया है। इस युवक को पुलिस और इंटेलीजेंस की ओर से चलाए गए ज्वॉइन्ट ऑपरेशन के तहत गिरफ्तार किया गया है। इस ज्वॉइन्ट ऑपरेशन को राज्य की स्पेशल ऑपरेशन सेल और मिलिट्री इंटेलीजेंस की ओर से चलाया गया था। इस ऑपरेशन को इंटेलीजेंस इनपुट के बाद अंजाम दिया गया। पंजाब पुलिस की ओर से बताया गया है कि पाकिस्तान की एजेंसी बड़ी संख्या में फेक फेसबुक अकाउंट्स को ऑपरेट करती है और ये अकाउंट्स युवा लड़कियों के नाम पर बने हैं। ये लड़कियों बेरोजगार युवकों के अलावा रिटायर्ड और सर्विंग आर्म्ड फोर्सेज ऑफिशियल्स के साथ दोस्ती करने की कोशिश करती हैं। इसके बाद इन लोगों से कई जानकारियां हासिल की जाती हैं।
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