उड़ीसा हाई कोर्ट के दो जजों के खिलाफ सुनवाई पूरी, जल्द आ सकता है फैसला
नई दिल्लीः उडीसा हाईकोर्ट के दो जजों के खिलाफ अपने पद का दुरुपयोग करने के मामले में इस महीने के आखिरी में फैसला आ सकता है। साल 2016 में उडीसा हाई कोर्ट के जस्टिस महंत और जस्टिस साहू के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने जांच के आदेश दिए थे। जांच कमिटी ने पिछले सप्ताह सुनवाई पूरी कर ली है, उम्मीद जताई जा रही है कि जांच कमिटी अपनी रिपोर्ट इस महीने के आखिरी तक चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को सौंप सकती हैं।
सूत्रों के मुताबिक उडीसा हाई कोर्ट के इन दो जजों के के खिलाफ दस्तावेज मौजूद हैं। संभावना जताई जा रही है कि इन दो जजों को दोषी ठहराया जा सकता है। तीन सदस्यीय जांच दल की अध्यक्षता पंजाब के मुख्य न्यायाधीश और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एस जे वाजिफर ने की है।
सितंबर 2016 में आरटीआई कार्यकर्ता जयंत कुमार दास से शिकायत मिलने के बाद तत्काल चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया टी एस ठाकुर ने जस्टिस इंद्रजीत महंति और उड़ीसा हाईकोर्ट के एस के साहू के खिलाफ एक जांच कमिटी बनाई थी, जिसकी अध्यक्षता हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एस जे वाजिफर ने की थी।
इस केस की आखिरी सुनवाई दिल्ली में हरियाणा भवन में दो फरवरी को हुई थी। इस सुनवाई में दोनों आरोपी जज शामिल थे। एक फरवरी को पैनल ने शिकायकर्ता दास को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुना। अगस्त 2017 में दास पर नकली ऑनलाइन ईमेल आईडी और प्रोफाइल बनाकर अश्लील वेबसाइट पर पोस्ट करने के आरोप थे, बाद में दास को छह साल की सजा सुना दी गई थी।
जस्टिस महंत के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने कटक में एक होटल के मामले में व्यक्तिगत रूचि दिखाते हुए कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन किया। होटल को तीन मंजिला इमारत बनाने की इजाजत मिली थी, लेकिन इस पांच मंजिला बना दिया गया। इस मामले में आरोपी जज ने महिला के खिलाफ आदेश दिया।
वहीं जस्टिस साहू ने अपने आधिकारिक निवास के नवीकरण के लिए सार्वजनिक निधियों के दुरुपयोग करने का आरोप है। इन्हीं आरोपों के बाद दोनों न्यायाधीशों के खिलाफ साल 2017 की शुरुआत में जांच पैनल बनाया गया था।
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