पेपर लीक से निपटने के लिए CBSE को ये सिफारिशें दे सकती है कमेटी
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की बोर्ड परीक्षाओं में हुए लीक ने देश के एजुकेशन सिस्टम को हिला कर रख दिया था। अब इस पेपर लीक से निपटने और प्रक्रिया में सुधार के लिए सीबीएसई ने बड़ा फैसला ले सकती है।
नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की बोर्ड परीक्षाओं में हुए लीक ने देश के एजुकेशन सिस्टम को हिला कर रख दिया था। अब इस पेपर लीक से निपटने और प्रक्रिया में सुधार के लिए सीबीएसई ने बड़ा फैसला ले सकती है। सीबीएसई पेपर लीक के बाद गठित कमेटी बोर्ड परीक्षा सीजन को सात हफ्तों की बजाय एक महीने का करने की सिफारिश करने की संभावना है।
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार पेपर लीक को लेकर सीबीएसई द्वारा गठित कमेटी कई सुझाव पेश कर सकती है। ये सुझाव भविष्य में पेपर लीक को रोकने और प्रक्रिया में सुधार के लिए लिए जाएंगे। सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाओं के आयोजन में 6-7 हफ्ते लगते हैं। अगर कमेटी की सिफारिशें मान ली जाती हैं तो ये परीक्षाएं 4-5 हफ्तों में निपट जाएंगी। कमेटी के सदस्य ने कहा कि सीबीएसई फिलहाल 12वीं कक्षा में 168 कोर्स और 10वीं कक्षा में 70 कोर्स ऑफर करती है। ऐसे में इन परीक्षाओं के आयोजन में सात हफ्ते तक लग जाते हैं।
सदस्य ने कहा कि कई ऐसे कोर्स होते हैं जिन्हें काफी कम बच्चे चुनते हैं। जैसे साल 2018 में केवल तीन बच्चों ने म्यूजिक प्रोडक्शन, एक ने मैटरनल एंड चाइल्ड बर्थ और एक ने फंडामेंटिल ऑफ नर्सिंग कोर्स चुना था। 'ऐसे बाकी और कोर्स के लिए हम उसी स्कूल को परीक्षा केंद्र बना सकते हैं। फिलहाल ये परीक्षाएं भी बाहर के केंद्र में होती हैं। उसी स्कूल को केंद्र बनाने से ये परीक्षाएं बोर्ड से पहले आयोजित कराई जा सकती हैं और जिन कोर्स में ज्यादा बच्चों ने दाखिला लिया है, उन्हें बाकी बोर्ड परीक्षाओं के साथ आयोजित कराया जा सकता है। इससे सभी परीक्षाएं एक महीने के अंदर खत्म हो जाएंगी।' इसके साथ ही कमेटी पेपर के लिए एक डबल एन्क्रिप्टेड प्रणाली का पालन करने का भी सुझाव दिया है।
इस प्रणाली के तहत पेपर को परीक्षा केंद्र पर ही प्रिंट किया जाएगा। इससे पेपर लीक की संभावना काफी हद तक कम हो जाएगी। इसके अलावा कमेटी का ये भी सुझाव है कि हर परीक्षा केंद्र में छपे पेपर पर उसका वॉटरमार्क हो, ताकी पेपर लीक होने पर ये जानना आसान हो जाए कि लीक कहां से हुआ है। इस कमेटी की अध्यक्षता मानव संसाधन विकास मंत्रालय के पूर्व सेकेट्री वीएस ओबरॉय कर रहे हैं।
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