अब सीएम बिप्लव देब बोले, त्रिपुरा से जाता है पंडित हरिप्रसाद चौरसिया की बांसुरी के लिए बांस
नई दिल्ली। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लव देब ने शुक्रवार को कहा कि म्यूजिक मास्टर पंडित हरिप्रसाद चौरसिया जिस बांसुरी का उपयोग करते हैं वो त्रिपुरा के बांस से बनी हुई है। उन्होंने कहा कि पंडित हरिप्रसाद चौरसिया जिस बांसुरी को बजाते हैं उसके लिए बांस त्रिपुरा के उत्तर और ढलाई जिले से भेजी जाती है। बिप्लव देब ने यह बात दिल्ली में आयोजित सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के समर्थन और आउटरीच कार्यक्रम के लॉन्चिंग के दौरान कही।
बांस मिशन लॉन्च करने वाल त्रिपुरा पहला राज्य
बिप्लव देब ने कहा कि मेरा मानना है कि बांस-आधारित परियोजनाएं, जो त्रिपुरा में परिचालित हैं, बहुत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा बांस मिशन लॉन्च करने वाला देश का पहला राज्य था। यह बताते हुए कि भारत हर साल अलग-अलग देशों से बांस आयात के लिए 1 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होता है देब ने कहा कि त्रिपुरा में बीजेपी-आईपीएफटी सरकार ने राज्य भर में 2,500 हेक्टेयर भूमि में बांस लगाकर इस राशि को बचाने का फैसला किया है।
पिछले सरकार ने लोगों को नहीं किया प्रोत्साहित
देब ने पूर्व की सरकार पर आरोप लगाया कि वह लोगों के बीच अपनी योजनाओं और गतिविधियों को लोकप्रिय बनाने में असफल रहा, जिसके कारण योजनाएं असफल साबित हुईं। मुख्यमंत्री ने लोगों को नए विचार विकसित करने और विपणन योग्य विषयों और अवधारणाओं का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके साथ-साथ इस कार्यक्रम में और भी लोगों अपनी राय रखी।
कौन हैं हरिप्रसाद चौरसिया?
बांसुरी वादक पंडित हरिप्रसाद चौरसिया का जन्म 1 जुलाई 1938 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ है। हरिप्रसाद चौरसिया का बचपन गंगा किनारे बनारस में बीता। इसके बाद धीरे-धीरे तबला वादक में रूचि हुई। इसके बाद वे संगीत सीखने लगे। संगीत की बारीकियां सीखने के बाद वो बांसुरी बजाना सीखे। उन्होंने बांसुरी के जरिए शास्त्रीय संगीत को लोकप्रिय बनाने में अहम योगदान दिया। इन्होंने कई फिल्मों में संगीत भी दिया है जिसमें चांदनी, डर, लम्हे, सिलसिला, फासले, विजय और साहिबान मुख्य फिल्मे हैं।