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अपना घर में पाप की सजा: गूंगी लड़की से किया रेप, गर्भवती हुई और फिर बच्चे को भी बेचा

By Rizwan
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रोहतक। हरियाणा के रोहतक में अपना घर अनाथालय में बच्चियों से दुष्कर्म और शोषण के मामले में पंचकूला की सीबीआई कोर्ट ने नौ दोषियों को शुक्रवार को सजा सुनाई है। अदालत ने संचालिका समेत तीन को उम्रकैद की सजा सुनाई है। सीबीआई की विशेष अदालत ने नौ आरोपियों को 18 अप्रैल को दोषी करार दिया था। अनाथालय में बच्चियों के साथ बर्बरता का खुलासा पांच साल पहले सात मई 2012 में हुआ था, जब इस अनाथालय से 120 लड़कियों को राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की टीम ने मुक्त कराया था। अनाथालय से ही बच्चियां भागकर दिल्ली पहुंची थी, जिसके बाद यहां छापा मारा गया था। यहां पर बच्चियों से रेप, गर्भपात और बच्चों को बेचे जाने का मामला सामने आया था। जिसकी जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी।

 तीन को उम्रकैद

तीन को उम्रकैद

सीबीआई अदालत ने अनाथालय की संचालिका जसवंती देवी, उसके दामाद जय भगवान और ड्राइवर सतीश को उम्रकैद की सजा सुनाई है। संचालिका के भाई जसवंत को सात साल की सजा सुनाई गई है। मामले में अन्य दोषी जसवंती देवी की बेटी सुषमा, बहन शीला, सहयोगी रोशनी, रामप्रकाश सैनी और वीना की सजा जेल में रहते हुए ही पूरी हो गई है। अदालत ने उनकी सजा अंडरगोन कर दी। कोर्ट ने पूर्व बाल विकास परियोजना अधिकारी अंग्रेज कौर हुड्डा को मामले में बरी कर दिया गया था।

अनाथालय के नाम पर अपना घर की करतूतों से हिल गया था हरियाणा

अनाथालय के नाम पर अपना घर की करतूतों से हिल गया था हरियाणा

रोहतक में अपना घर नाम से एक एनजीओ अनाथालय चलाती थी। अनाथालय में बच्चियों से अवैध काम करवाने की सूचना पर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की टीम ने 9 मई 2012 को छापा मारकर 120 लड़कियों को यहां से छुड़ाए, बच्चियों ने जो जब अनाथालय के भीतर यातनाओं और यौन शोषण का खुलास किया तो उसने प्रदेश और देश को हिलाकर रख दिया। जून 2012 को जांच सीबीआई को सौंप दी गई। लड़कियों के बयान और जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ बलात्कार, सामूहिक बलात्कार, तस्करी, छेड़छाड़, सहमति के बिना गर्भपात, अवैध श्रम और बच्चों के साथ क्रूरता की धाराओं में केस दर्ज किया गया।

पीड़िताओं ने अदालत को बताई अपना घर की यातनाएं

पीड़िताओं ने अदालत को बताई अपना घर की यातनाएं

मुकदमे के दौरान 121 गवाहों की गवाही हुई। इनमें 12 पीड़ित लड़कियों की गवाही महत्वपूर्ण रही क्योंकि उन्होंने मुख्य आरोपी की पहचान की और अपना घर में उनके प्रवास के दौरान हुए अत्याचारों को बताया।

  • अदालत में 20 साल की लड़की ने गवाही में बताया कि संचालिका जसवंती देवी के भाई जसवंत और दामाद जय भगवान अपना घर लगातार आते थे, इन दोनों और इनके ड्राइवर सतीश ने उसके साथ अनाथालय के सेंट्रल हॉल में कई बार बलात्कार किया।
  • एक दिव्यांग लड़की (जो बोल नहीं सकती थी) ने दुभाषिया के माध्यम से अदालत में बताया कि जय भगवान ने उससे बार-बार बलात्कार किया, जिससे वो गर्भवती हो गई। उसने बच्चे को जन्म दिया तो उसके बच्चे को बेच दिया गया। मानसिक रूप से विक्षिप्त पुरुष ने भी यौन शोषण की बात अदालत में कही।
  • एक और नाबालिग पीड़िता ने अदालत से बताया कि सतीश अपना घर आता था और उसे पकड़कर उसके निजी अंगों में अपनी उंगली डालता था। उसने इसकी शिकायत जसवंती ने की तो उसको ही मारा गया और चुप रहने के लिए कहा गया।

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English summary
panchkula cbi court verdict on Apna Ghar sexual abuse case rohtak
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