Palghar mob lynching: महाराष्ट्र सरकार ने उच्च स्तरीय जांच का दिया आदेश
मुंबई। महाराष्ट्र के पालघर जिले में चोर होने के शक में गुरुवार रात तीन लोगों की भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या कर देने के मामले में राज्य सरकार ने उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है। राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने रविवार को यह जानकारी दी। देशमुख ने इस इस घटना को कोई सांप्रदायिक रंग नहीं देने की भी चेतावनी दी है क्योंकि तीन मृतकों में दो लोग साधु बताये जा रहे हैं।
राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने ने ट्वीट किया, सूरत जा रहे तीन लोगों की पालघर में हुई हत्या में संलिप्त 101 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। हत्या के मामले में मैंने उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है, पुलिस ऐसे लोगों पर करीबी नजर रख रही है, जो इस घटना के जरिए समाज में वैमनस्य पैदा करना चाहते हैं, पालघर की घटना में जो लोग मारे गए और जिन्होंने हमला किया, वह अलग-अलग धर्मों के नहीं थे।
क्या है मामला
दरअसल महाराष्ट्र के पालघर में गुरुवार को ग्रामीणों ने तीन लोगों को चोर समझकर पीट-पीटकर मार डाला था। मृतकों की पहचान 35 वर्षीय सुशीलगिरी महाराज, 70 वर्षीय चिकणे महाराज कल्पवृक्षगिरी और 30 वर्षीय निलेश तेलगड़े के रूप में हुई है, निलेश साधुओं का ड्राइवर था। ये तीनों लोग मुंबई से सूरत किसी की अंत्येष्टि में शामिल होने जा रहे थे। पालघर जिले के एक गांव में 100 से ज्यादा लोगों की भीड़ इन पर टूट पड़ी। ग्रामीणों ने पुलिस की गाड़ी पर भी हमला किया था, बताया गया है कि इस पूरे इलाके में कुछ दिनों से बच्चा चोर गिरोह की अफवाह फैली हुई थी। बस लोगों ने इन्हें इसी गिरोह से संबंधित समझा और बिना सोचे समझे हमला करना शुरु कर दिया और तीनों को पीट-पीटकर मार डाला।
कपिल मिश्रा ने वीडियो शेयर किया
इस मामले पर बीजेपी नेताओं सहित सोशल मीडिया यूजर्स ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र पुलिस पर निशाना साधा है। कपिल मिश्रा ने वीडियो शेयर किया है जिसमें देखा जा सकता है कि 20 से 25 लोगों की भीड़ साधुओं पर डंडे से वार कर रही है। इस दौरान एक पुलिस वाला भी दिखाई देता है जिसके पीछे छिपकर साधु अपनी जान बचाने की कोशिश करते हैं लेकिन वह पुलिसकर्मी उनकी मदद नहीं करता और तमाशा देखता रहता है।
मुंबईसे सूरत जानेवाले ३ लोगों की पालघर में हुई हत्या के बाद मेरे आदेश से इस हत्याकांड में शामिल १०१ लोगों को पुलिस हिरासत में लिया गया है। साथ ही उच्च स्तरीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं। इस घटना को विवादास्पद बनाकर समाज में दरार बनाने वालों पर भी पुलिस नज़र रखेगी।#LawAndOrder
— ANIL DESHMUKH (@AnilDeshmukhNCP) April 19, 2020
साधु कल्पवृक्ष गिरी और साधु सुशील गिरी की हत्या - दर्दनाक, दुःखद, अक्षम्य
लॉक डाउन के बावजूद भीड़ आई और पुलिस के सामने मार डाला
ये साधु थे - इनका कोई ह्यूमन राइट नहीं, कोई संवैधानिक संरक्षण नही
कल्पना कीजिए,
अगर ये साधु ना होते?
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) April 19, 2020
ये किसी अन्य धर्म के धर्मगुरु होते तो? pic.twitter.com/o1KVXCRcF1