पालघर मॉब लिंचिंग: सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से मांगा जवाब, जुलाई में होगी अगली सुनवाई
नई दिल्ली: महाराष्ट्र के पालघर में हुई मॉब लिंचिंग का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। दोनों साधुओं के रिश्तेदारों की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई की। इस सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार और अन्य पक्षकारों से जवाब मांगा है। इसके बाद जुलाई के दूसरे हफ्ते में मामले की फिर से सुनवाई होगी। मामले में अभी तक 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि कई पुलिसकर्मी सस्पेंड किए गए थे।
याचिकाकर्ताओं के मुताबिक मौजूदा वक्त में महाराष्ट्र पुलिस घटना की जांच कर रही है, लेकिन उन्हें उनकी जांच पर भरोसा नहीं है। पुलिसकर्मियों पर भी घटना में शामिल होने का शक है, इस वजह से राज्य पुलिस निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती है। ऐसे में मामले की जांच सीबीआई से करवाई जाए। सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही महाराष्ट्र पुलिस से मामले की जांच रिपोर्ट मांग ली थी। जिसके बाद आज सीबीआई जांच को लेकर महाराष्ट्र सरकार से जवाब मांगा गया। फिलहाल मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निर्देश पर बनी एसआईटी इस मामले की जांच कर रही है।
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क्या
है
पूरा
मामला?
दरअसल
महाराष्ट्र
के
पालघर
में
16
अप्रैल
को
ग्रामीणों
ने
तीन
लोगों
को
चोर
समझकर
पीट-पीटकर
मार
डाला।
मृतकों
की
पहचान
35
वर्षीय
सुशीलगिरी
महाराज,
70
वर्षीय
चिकणे
महाराज
कल्पवृक्षगिरी
और
30
वर्षीय
निलेश
तेलगड़े
के
रूप
में
हुई
थी,
निलेश
साधुओं
का
ड्राइवर
था।
ये
तीनों
लोग
मुंबई
से
सूरत
किसी
की
अंत्येष्टि
में
शामिल
होने
जा
रहे
थे।
पालघर
जिले
के
एक
गांव
में
100
से
ज्यादा
लोगों
की
भीड़
इन
पर
टूट
पड़ी।
ग्रामीणों
ने
पुलिस
की
गाड़ी
पर
भी
हमला
किया
था।
पुलिस
के
मुताबिक
इस
पूरे
इलाके
में
बच्चा
चोर
गिरोह
की
अफवाह
फैली
हुई
थी।
बस
लोगों
ने
इन्हें
इसी
गिरोह
से
संबंधित
समझा
और
बिना
सोचे
समझे
हमला
करना
शुरु
कर
दिया।
इसके
बाद
उन्हें
इतना
पीटा
की
तीनों
की
मौत
हो
गई।