पालघर लिंचिंग: सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगी जांच की स्टेटस रिपोर्ट , CID जांच पर रोक से इनकार
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने महाराष्ट्र के पालघर में हुई मॉब लिन्चिंग की चल रही जांच के मामले में राज्य सरकार से स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही साधुओं की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर की गयी हत्या की सीआईडी से करायी जा रही जांच पर फिलहाल रोक लगाने से शुक्रवार को इन्कार कर दिया है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर पालघर घटना की कोर्ट की निगरानी में एसआईटी या सीबीआई जांच की मांग की गई थी।
Recommended Video
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने शुक्रवार को मामले की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान उस अपील को ठुकरा दिया जिसमें सीआईडी जांच पर रोक लगाने की मांग की गई थी। पीठ ने याचिकाकर्ता वकील शशांक शेखर झा की दलीलें सुनने के बाद उन्हें याचिका की एक प्रति महाराष्ट्र सरकार को सौंपने का निर्देश दिया।
वहीं राज्य सरकार से सुप्रीम कोर्ट ने 4 हफ्ते में मामले की जांच संबंधित स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि यह कानून-व्यवस्था की बदतर स्थिति का प्रमाण है, क्योंकि पुलिस प्रशासन ने इस भयावह घटना को रोकने के लिए कुछ नहीं किया। याचिकाकर्ता ने यह भी सवाल उठाया कि पुलिस ने जगह पर भीड़ को इकट्ठा करने की अनुमति कैसे दी, क्योंकि यह लॉकडाउन के नियमों का पूर्ण उल्लंघन है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि मुंबई से साधू सूरत जा रहे थे। इसी दौरान करीब 200 लोगों की भीड़ पालघर में इकट्ठी हुई और उन्होंने लाठी व चाकू आदि से साधुओं पर हमला किया। लॉकडाउन 25 मार्च से ही चल रहा था बावजूद इसके 16 अप्रैल को 200 लोगों की भीड़ वहां जुटी थी। पुलिस के सामने अटैक हुआ और साधुओं को बचाने के लिए पुलिस ने ठोस कार्रवाई नहीं की और न ही भीड़ को हटाया। उधर शुक्रवार को पालघर लिंचिंग मामले में 5 और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन सभी को 13 मई तक CID की हिरासत में भेज दिया गया है। मामले में अब तक 9 नाबालिगों सहित कुल 115 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
महाराष्ट्र: सीएम उद्धव ने लॉकडाउन में छूट के दिए संकेत, रखीं ये शर्तें