25 लाख रुपए के इनामी नक्सली कमलेश गंझू ने किया आत्मसर्पण
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नई दिल्ली। झारखंड के पलामू में 25 लाख रुपए कए इनामी नक्सली कमलेश कुमार गंझू उर्फ बिरसाई ने आत्मसर्पण कर दिया है। इस नक्सली को काफी खुंखार नक्सली माना जाता था, उसने पलामू आयुक्त व डीआईजी के सामने आत्मसमर्पण किया है। यह झारखंड, छत्तीसगढ़ और बिहार में सक्रिय था, एक समय में वह बिरसाई संगठन में मिलिट्री कमीशन का सचिव था। कमलेश को बूढ़ा बहाड़ इलाके में आतंक का पर्याय माना जाता था।
कई
हिंसा
में
शामिल
आपको
बता
दें
कि
2013
में
लातेहार
में
पुलिस
पर
हुए
हमले
में
बिरसाई
शामिल
था,
इस
हमले
में
सीआरपीएफ
के
कई
जवान
शहीद
हो
गए
थे।
इसके
अलावा
भी
कई
हमलों
में
बिरसाई
शामिल
था।
उसपर
आरोप
है
कि
उसने
पलामू,
गढ़वा,
लातेहार
में
कई
नक्सली
हमलों
को
अंजाम
दिया
है।
जानकारी
के
अनुसार
महज
13
साल
की
उम्र
में
उसने
नक्सलियों
का
साथ
पकड़
लिया
था।
जिस
वक्त
उसने
आत्मसमर्पण
किया
उस
वक्त
पलामू
आयुक्त
एनके
झा,
डीआईजी
विपुल
शुक्ला,
सीआरपीएफ
के
डीआईजी
जयंत
पाल
समेत
कई
लोग
मौजूद
थे।
8
लाख
के
इनामी
नक्सली
ने
किया
आत्मसमर्पण
गौरतलब
है
कि
इससे
पहले
छत्तीसगढ़
में
नक्सलियों
के
शीर्ष
नेतृत्व
का
सदस्य
वेट्टी
रामा
ने
गुरुवार
को
पुलिस
के
समक्ष
सरेंडर
कर
दिया
था।
पुलिस
सूत्रों
का
दावा
है
कि
नक्सलियों
की
लगभग
सभी
बड़ी
हिंसाओं
में
वेट्टी
रामा
की
भूमिका
रही
है।
वेट्टी
रामा
बीते
23
वर्षों
से
नक्सल
संगठन
में
सक्रिय
भूमिका
थी।
नक्सल
संगठन
की
नीतियों
से
परेशान
होकर
रामा
ने
सरेंडर
करने
का
निर्णय
लिया
है।
सुकमा
पुलिस
मुख्यालय
में
रामा
ने
दोपहर
करीब
डेढ़
बजे
सरेंडर
किया।
वेट्टी
रामा
8
लाख
रुपए
का
इनामी
था।
रमन
सिंह
से
खुश
इस
दौरान
वेट्टी
ने
कहा
कि
नक्सली
जिस
विचारधारा
की
बात
कर
युवाओं
को
हिंसा
की
ओर
धकेल
रहे
हैं,
वह
पूरी
तरह
खोखली
है।
रामा
का
सरेंडर
सुकमा
पुलिस
के
इतिहास
की
सबसे
बड़ी
सफलता
साबित
हो
सकती
है।
पुलिस
का
दावा
है
कि
मुख्यमंत्री
रमन
सिंह
के
संदेश
से
प्रभावित
होकर
वेट्टी
रामा
ने
सरेंडर
की
इच्छा
जताई।
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