पाकिस्तानी महिला ने भारत पाक बॉर्डर पर दिया बच्चे को जन्म, नाम रखा- 'बॉर्डर'
अमृतसर। एक पाकिस्तानी महिला ने भारत-पाकिस्तान के अटारी बॉर्डर पर बच्चे को जन्म दिया। उसके बाद बच्चे का नाम 'बॉर्डर' ही रख दिया। यह अनोखा मामला अब लोगों के बीच चर्चा बन गया है। लोग कह रहे हैं- भला ऐसा भी नाम होता है..। बता दें कि, बच्चे को जन्म देने वाली महिला निंबू बाई है, जिसके पति का नाम- बलम राम है। वे पंजाब प्रांत के राजनपुर जिले के रहने वाले हैं।
भारत आया था पाकिस्तानी दंपति
दरअसल, यह महिला अपने पति के साथ, रिश्तेदारों से मिलने भारत आई थी। दोनों लॉकडाउन से पहले 98 अन्य लोगों के साथ भारत आए थे। उन्होंने यहां तीर्थ यात्रा की। हालांकि, बाद में आवश्यक दस्तावेजों की कमी के कारण घर नहीं लौट सके। अभी 2 दिसंबर की बात है, पति-पत्नी पाकिस्तान लौटने की तैयारी में थे। तभी गर्भवती निंबू बाई को प्रसव पीड़ा होने लगी।
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पाकिस्तानियों ने लौटने की परमिशन नहीं दी
निंबू बाई की मदद के लिए तभी पंजाब के गांवों की कुछ महिलाएं उसके पास पहुंचीं। स्थानीय लोगों ने अन्य सहायता प्रदान करने के अलावा उसके प्रसव के लिए चिकित्सा सुविधाओं की भी व्यवस्था की। उसके बाद पति-पत्नी ने तय किया वे बच्चे का नाम 'बॉर्डर' रखेंगे। उन्होंने बताया कि, वे पिछले 71 दिनों से भारत में रह रहे थे।
इसलिए बच्चे का नाम रख दिया- 'बॉर्डर'
दंपति के मुताबिक, वे 97 अन्य पाकिस्तानी नागरिकों के साथ अटारी सीमा पर थे। उनका कहना है कि, उन्होंने बच्चे का नाम इसीलिए रखा, क्योंकि वह भारत-पाक सीमा पर पैदा हुआ। उन्होंने बताया कि, वे अपने रिश्तेदारों से मिलना चाहते थे और साथ ही भारत में तीर्थ यात्रा भी करनी थी। हालांकि, बाद में वे आवश्यक दस्तावेजों की कमी के कारण घर नहीं लौट सके।
वहां 'भारत' नाम का बच्चा भी है
पाकिस्तानी दंपति का कहना है कि, उनके अलावा जो लोग भारत में हैं, उनमें 47 बच्चे शामिल हैं, जिनमें से 6 भारत में पैदा हुए थे और वे एक वर्ष से कम उम्र के हैं। बलम राम के अलावा, एक अन्य पाकिस्तानी नागरिक, लग्या राम, जो यहीं तंबू में रह रहा था, ने अपने बेटे का नाम 'भारत' रखा, क्योंकि वह 2020 में जोधपुर में पैदा हुआ था।
98 लोग इसी तरह भारत में रह रहे
लग्या नाम का शख्स जोधपुर में अपने भाई से मिलने आया था, लेकिन वह भी पाकिस्तान नहीं जा पाया था। इसी तरह मोहन और सुंदर दास भी अन्य फंसे हुए पाकिस्तानियों में से हैं, जिन्होंने अधिकारियों से उन्हें स्वीकार करने का अनुरोध किया है। वे रहीम यार खान और राजनपुर सहित पाकिस्तान के विभिन्न जिलों से ताल्लुक रखते हैं।
पाकिस्तानी रेंजरों ने स्वीकारने से किया मना
उन्होंने बताया कि, वे वर्तमान में अटारी सीमा पर एक तंबू में रह रहे हैं, क्योंकि पाकिस्तानी रेंजरों ने उन्हें स्वीकार करने से इनकार कर दिया। सभी परिवार अटारी इंटरनेशनल चेक-पोस्ट के पास एक पार्किंग में डेरा डाले हुए हैं। स्थानीय लोग उन्हें दिन में तीन बार भोजन, दवाइयां और कपड़े मुहैया करा रहे हैं। इसी दौरान 2 दिसंबर, 2021 को एक बच्चे के रूप में एक नया भारत-पाक 'बॉर्डर' अस्तित्व में आया।