क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

POK:पकिस्तान को जल्द ही लगने वाला है 440 वोल्‍ट का झटका

Google Oneindia News

बेंगलुरु। कश्‍मीर मुद्दे पर पिछले एक महीने से उछल रहे पाकिस्तान को जल्‍द ही 440 चालीस वोल्‍ट का झटका लगने वाला है। भारत से दुश्‍मनी बढ़ाकर उसने अपने पैर पर कुल्‍हाड़ी मारने का काम किया है। एक ओर पाकिस्तान की जनता आर्थिक तंगी के कारण देश की बदहाली पर खून के आंसू रो रही है वहीं दूसरी ओर अब पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के लोग पाक के जुल्मों से परेशान होकर आजादी की मांग कर रहे हैं। इस विद्रोह से यह तय हो गया कि अब वह दिन दूर नहीं जब पाकिस्तान पीओके से हाथ धो बैठेगा।

pok

बता दें पाकिस्तान की सरकार के लिए मुसीबतें कम होने की बजाय लगातार बढ़ती जा रही हैं। अब पीओके में पाकिस्तान से आजादी की मांग उठ रही है। विगत शनिवार से लगातार वहां लोग पाक सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद किए हुए हजारों की संख्‍या में सड़कों पर उतर चुके हैं। पीओके और बलूचों के बाद अब पश्तूनों ने भी खुल्लम खुल्ला जंग का ऐलान कर दिया है। पश्तून लगातार सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। ये पश्तून इमरान खान और बाजवा के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं।

पाकिस्तानी सेना की ज्यादतियों से परेशान पाक अधिकृत कश्मीर के लोग आजादी की मांग को लेकर पाक सेना के खिलाफ नारे लगा रहे हैं। पीओके में पाक के अत्याचारों पर लोगों का गुस्सा फूट चुका है। पाकिस्तान एक तरफ जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान आतंक को बढ़ावा दे रहा है तो दूसरी ओर पीओके में वो जुल्म की इंतेहा कर रहा है। पीओके के तत्ता पानी समेत अन्‍य इलाके में जब पाक सेना और पुलिस की हैवानियत के खिलाफ लोगों ने आवाज उठाई तो जवानों ने किसी को नहीं बख्‍शा।

पाकिस्तान से आजादी की मांग को लेकर पीओके के लोग लगभग रोज सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। क्योंकि, पाकिस्तान पीओके की खनिज संपदा और प्राकृतिक स्रोतों का जमकर दोहन कर रहा है लेकिन इसका लाभ वहां के स्थानीय लोगों को नहीं मिल पा रहा है।

पहले भी पाकिस्तान सरकार ने पाक अधिकृत कश्मीर (POK) के सबसे बड़े और प्रसिद्ध उर्दू दैनिक अखबार को बंद करने का आदेश की उसने पीओके में एक जनमत संग्रह कर वहां के लोगों से पूछा था कि क्या आप पाकिस्तान के साथ रहना चाहते हैं या नहीं? इस पोल का जवाब देते हुए 73% से ज्यादा उत्तरदाताओं ने कहा कि वे पाकिस्तान के अवैध कब्जे से आजादी चाहते हैं। इस घटना के बाद पाकिस्तान सरकार ने इस अखबार पर कड़ी कार्रवाई करते हुए इसे बंद करने का आदेश दिया था।

pok

आर्थिक तंगी और मूलभूत आवश्यक्ताओं की कमी से जूझ रहे स्थानीय लोग 'यह जो दहशतगर्दी है इसके पीछे पाक सेना की वर्दी है' का नारा लगाया। इतना ही नहीं वह पाकिस्तान से चाहिए आजादीआजादी के नारे बुलंद आवाज में लगाए। यह प्रदर्शन पीओके के मुजफ्फराबाद में नियंत्रण रेखा के करीब किया गया । सोमवार को भी विरोध प्रदर्शन जारी रहा। इस मार्च का आयोजन जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख मोहम्मद सगीर के नेतृत्व में किया गया था।

वहीं पाकिस्तान में आजादी की मांग करने वाले प्रदर्शनकारियों के साथ पाक बर्बरतापूर्ण व्‍यवहार किया जा रहा है। मीडिया 22 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने इन लोगों पर आंसू गैस का इस्तेमाल किया है। इस बीच प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प भी देखी गई।

पाकिस्तान ने प्रदर्शन शुरू होने के बाद मोबाइल फोन सेवा भी बंद कर दी है। बढ़ते विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए पाक सरकार ने तीन जिलों रावलकोट, हजीरा, तेतरी नोट में मोबाइल और इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, पाक सेना ने सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को अपनी हिरासत में रखा है जबकि कई अन्य को स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

वहीं पिछले दिनों पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के मानवाधिकार कार्यकर्ता आरिफ आजकिया ने पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई थी। आरिफ लंदन में रहते हैं। उन्होंने चंद्रयान-2 का मजाक उड़ाने के लिए पाकिस्तान के मंत्री को खूब खरी-खोटी सुनाते हुए उन्हें अपने देश के भविष्य के बारे में सोचने की सलाह दी थी ।

उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे समय पर जहां हर जगह मेट्रो है पाकिस्तान अब भी रिक्शे पर ही अटका है। उन्‍होंने पाक के मंत्री से सवाल उठाया था, फवाद चौधरी, शेख राशिद आप लोग क्या कर रहे हैं?'उन्‍होंने कहा, 'जनरल गफूर आप कहते हैं कि आप अर्थव्यवस्था को संभाल लेंगे। आप उसे आईसीयू में लेकर आ गए हैं। उसे अब अकेला छोड़ दें।

bazva

पश्तूनों पाकिस्तानी हुक्मरानों की बर्बरता के सबसे बड़े सबूत हैं। इनके हक को पाकिस्तानी आर्मी ने कभी नहीं दिया, इनके साथ बहुत ही बुरा बर्ताव किया गया है। पाकिस्तान के सरकारी बंदूक धारियों ने इन पर जुल्म ढाए हैं। अपनी ही सरकार के खिलाफ खड़े होने वाले इन लोगों को पाकिस्तान में पश्तून कहा जाता है। कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद पाकिस्तान पागलपन की हदें पार कर रहा है। इमरान खान ने हर हथकंडा अपना लिया है लेकिन उन्हें कहीं से भी किसी का सपोर्ट नहीं मिल रहा और अब तो इमरान को ये डर भी सता रहा है कि कहीं पीओके पाकिस्तान के हाथ से न निकल जाए।

आवाज़ पर पूरे पाकिस्तान में अघोषित पाबंदी

मंजूर अहमद पश्तीन सिर्फ 25 साल का है और वो पीओके में पश्तूनों का सबसे बड़ा नेता है। गरीब पश्तून खानदान में जन्मे मंजूर पश्तीन महसूद कबीले से ताल्लुक रखता है। पाकिस्तानी सरकार की दमनकारी नीति के खिलाफ बने संगठन पश्तून प्रोटेक्शन मूवमेंट का नेता भी है। मंजूर पश्तीन जब लाखों लोगों की आवाज बनकर बोलते हैं तो पाकिस्तानी हुकूमत की नींव हिल जाती है। पश्तूनों की सच्चाई पाकिस्तानी हुक्मरानों को चैन से सोने नहीं देती, इस वजह से वो मंजूर के भाषण के एक-एक शब्द से खौफ खाते हैं। मंजूर की इस आवाज़ पर पूरे पाकिस्तान में अघोषित पाबंदी है। इमरान खान ने मंजूर पर पाबंदी लगा रखी है। पाकिस्तान के किसी भी न्यूज़ चैनल पर मंजूर पश्तीन की स्पीच नहीं दिखाई जाती, इसी तरह से वहां के किसी भी अख़बार में मंजूर की खबर नहीं छपती।

हजारों पश्तून बेघर हो चुके हैं

पाकिस्तान के अफगानिस्तान से सटी सीमा पर दक्षिण वजरीस्तान में पश्तून रहते हैं, यह इलाका फेडरल एडमिनिस्टर्ड ट्राइबल एरिया यानी फाटा के अंतर्गत आता है, यहां पर बड़ी संख्या में पाकिस्तानी आर्मी के जवान तैनात रहते हैं, पाकिस्तानी आर्मी पश्तून महिलाओं के साथ हैवानियत करती है, पश्तुन नौजवानों को घर से उठाकर गोलियां मार देते हैं, ज्यादार इलाकों में लैंडमाइन बिछाकर रखते हैं, जिससे पश्तूनों की मौत होती है।पिछले एक दशक में हजारों लोगों की जानें जा चुकी हैं, जबकि हजारों पश्तून बेघर हो चुके हैं। पाकिस्तानी आर्मी और वायुसेना के हमलों की वजह से हजारों पाकिस्तानी पश्तून देश छोड़कर भागने के लिए मजबूर हो गए। करीब 8 हजार पश्तून लोग अब तक लापता हो चुके हैं। हर एक पश्तूनों को पाकिस्तान में शक के नज़रिए से देखा जाता है। पश्तूनों के लिए पाकिस्तान में सांस लेना तक मुश्किल है।

इनकी ये हैं मांग

पिछले 10 सालों में पाकिस्तानी आर्मी ने जिन सैकड़ों पश्तूनों को आतंकी कहकर गायब किया है, उन सभी को अदालत में पेश करे। अफगान सीमा से लगे कबायली इलाकों में अंग्रेजों के दौर का काला कानून एफसीआर खत्म करे सरकार। दूसरे कबायली इलाकों को वही बुनियादी हक दिए जाएं जो लाहौर, कराची और इस्लामाबाद के नागरिकों को हासिल हैं। पाकिस्तानी फौजियों की वजह से जो घर और कारोबार तबाह हुए उनका मुआवज़ा दिया जाए।

map

पीओके से जुड़ी खास बातें

जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है, तो पाक अधिकृत कश्मीर और गिलगित बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान का अवैध कब्जा है। वहीं अक्साई चिन पर चीनी कब्जा है। पीओके का कुल क्षेत्रफल करीब 13 हजार वर्ग किलोमीटर है, जहां करीब 30 लाख लोग रहते हैं। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में अक्साई चिन शामिल नहीं है। यह इलाका महाराजा हरिसिंह के समय में कश्मीर का हिस्सा था। 1962 में भारत और चीन के बीच युद्ध के बाद कश्मीर के उत्तर-पूर्व में चीन से सटे इलाके अक्साई चिन पर चीन का कब्जा है।आजादी के बाद भारत-पाक युद्ध में कश्मीर 2 हिस्सों में बंट गया। कश्मीर का जो हिस्सा भारत से लगा हुआ था, वह जम्मू-कश्मीर नाम से भारत का एक सूबा हो गया, वहीं कश्मीर का जो हिस्सा पाकिस्तान और अफगानिस्तान से सटा हुआ था, वह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर कहलाया।पीओके को लेकर पाकिस्तान की दोहरी नीति है। एक तरफ तो वह इसे आजाद कश्मीर कहता है तो दूसरी ओर यहां के प्रशासन और राजनीति में सीधा दखल कर यहां के सामाजिक ताने-बाने को बिगाड़ने में लगा है। यहां पर बाहरी लोगों को बसा दिया गया है। पीओके का शासन मूलत: इस्लामाबाद से सीधे तौर पर संचालित होता है। आजाद कश्मीर के नाम पर एक प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया गया है, जो इस्लामाबाद का हुक्म मानता है।

इसे भी पढ़े- पंजाब लौटे इमरान की पार्टी के पूर्व विधायक ने खोली पाकिस्तान की पोल,लगाए कई गंभीर आरोप

Comments
English summary
Now the people of Pakistan Occupied Kashmir (PoK) are upset with the Pakistani oppression and demanding independence.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X