जम्मू के पुंछ में पाकिस्तान की फायरिंग में दो जवान शहीद, कृष्णा घाटी में जारी है फायरिंग
पुंछ के कृष्णा घाटी में पाकिस्तान की ओर से युद्धविराम का उल्लंघन। भारतीय सेना के एक जवान और बीएसएफ के एक जवान के शहीद होने की खबरें।
पुंछ। जम्मू कश्मीर के पुंछ में पाकिस्तान की ओर से फायरिंग की गई है और युद्धविराम के उल्लंघन की खबरें हैं। बताया जा रहा है कि पाक की फायरिंग में दो जवान शहीद हो गए हैं। एक जवान भारतीय सेना का है तो एक जवान बीएसएफ का। वहीं कुछ जवान घायल भी हैं।
लगातार बढ़ रही हैं घुसपैठ की कोशिशें
गुरुवार को नॉर्थ कश्मीर के कुपवाड़ा में पंझगाम स्थित आर्मी कैंप पर एक आतंकी हमले के बाद पाक की ओर से लगातार युद्धविराम का उल्लंघन किया जा रहा है। उस हमले में कैप्टन आयुष यादव, सूबेदार भूप सिंह और नायक बीवी रमन्ना शहीद हो गए थे तो वहीं पांच जवान घायल थे। सोमवार को हुए हमले में भी सेना का एक जेसीओ शहीद हो गया है। कुपवाड़ा में सेना पर हमले ने एक बार फिर से जम्मू कश्मीर में हो रही घुसपैठ की कोशिशों की ओर ध्यान दिलाया है। रक्षा मंत्रालय के पास जो आंकड़ें मौजूद हैं उनसे इस बात की जानकारी मिलती है कि फरवरी 2017 तक घुसपैठ की 127 कोशिशें हो चुकी हैं इनमें से 88 कोशिशें वर्ष 2016 में की गई। यह आंकड़ें पिछले 15 माह के हैं। इन आंकड़ों इस बात की जानकारी भी मिलती है कि पिछले तीन वर्षों में सेना पर 38 हमले हो चुके हैं। इन हमलों में सेना ने अपने 156 सैनिकों की शहादत दी है। इनमें से ज्यादातर हमले जम्मू कश्मीर में ही हुए हैं। केंद्र सरकार की ओर से शुक्रवार के लोकसभा में जानकारी दी गई कि वर्ष 2016 में करीब 15 आतंकी हमले हुए जिनमें इंडियन आर्मी के करीब 68 सैनिक शहीद हो गए हैं। इसके अलावा सरकार की ओर से यह भी जानकारी दी गई कि जम्मू कश्मीर सीमा पर युद्धविराम उल्लंघन के मामलों में भी तेजी आई है।
वर्ष 2017 में 30 बार तोड़ा गया युद्धविराम
सरकार की ओर से जानकारी दी गई है कि वर्ष 2016 में पाकिस्तान की ओर से युद्धविराम तोड़े जाने की 449 घटनाएं हुई हैं। भामरे ने एक लिखित सवाल के जवाब में कहा कि वर्ष 2014 में 10 आतंकी हमले हुए तो वर्ष 2015 में 11 और वर्ष 2016 में 15 आतंकी हमले हुए थे। वहीं वर्ष 2017 में 15 मार्च तक तीन आतंकी हमले दर्ज हो चुके हैं। वर्ष 2015 और 2016 में शहीद होने वाले सैनिकों की संख्या में इजाफा हुआ। इन वर्षों में 67 और 68 सैनिक शहीद हुए थे। वर्ष 2014 में 38 सैनिक शहीद हुए थे। इस वर्ष अब तक 13 सैनिक शहीद हो चुके हैं। भामरे ने बताया कि वर्ष 2016 में लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पर 228 बार पाकिस्तान की ओर से युद्धविराम तोड़ा गया। वहीं जम्मू कश्मीर में इंटरनेशनल बॉर्डर पर जिसकी सुरक्षा बीएसएफ करती है, वहां पर 221 बार युद्धविराम तोड़ा गया। यानी प्रतिदिन एक से ज्यादा बार युद्धविराम तोड़ा गया। वर्ष 2017 में अब तक 30 बार युद्धविराम तोड़े जाने की घटनाएं एलओसी पर रिकॉर्ड हुई हैं तो वहीं इंटरनेशनल बॉर्डर पर छह फरवरी तक छह बार युद्धविराम तोड़ा गया है।