दो भारतीयों को UNSC में ग्लोबल आतंकी घोषित करवाना चाहता था पाकिस्तान, पांच देशों ने जमकर लताड़ा
न्यूयॉर्क। पाकिस्तान की वह कोशिश यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल (यूएनएससी) में फेल हो गई है जिसके तहत वह दो भारतीयों को आतंकी घोषित करवाना चाहता था। यूएनएससी में पाक के इस प्रयास को पांच सदस्यों ने विफल कर दिया। अमेरिका, फ्रांस यूनाइटेड किंगडम (यूके), जर्मनी और बेल्जियम ने यूएनएससी के 1267 प्रतिबंध समिति के सामने भारतीय नागरिको को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करवाने वाले पाक के प्रस्ताव को ब्लॉक कर दिया है।
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पांच देशों ने ब्लॉक किया प्रस्ताव
पाकिस्तान को भारतीय नागरिकों को आतंकी घोषित करने के एवज में सुबूत मांगे गए थे। लेकिन पाक कोई सुबूत नहीं दे सका और इसके बाद पांच देशों ने पाक के प्रस्ताव को ब्लॉक करने का फैसला किया। अमेरिका, यूके और फ्रांस, यूएनएससी के स्थायी सदस्य हैं तो जर्मनी और बेल्जियम अस्थायी सदस्य हैं। पाक की तरफ से गोविंद पटनायक दुग्गीवालासा और अप्पाजी अंगारा को आतंकी घोषित करने का अनुरोध किया गया था। यूएन में भारत के स्थायी राजदूत टीएस त्रिमूत्रि ने ट्वीट किया और लिखा, 'पाकिस्तान की तरफ से आतंकवाद को धार्मिक रंग देकर इस पर बने 1267 विशेष प्रक्रिया का दुरुपयोग करने की कोशिशें की गई हैं। लेकिन उसके इस प्रयास को सुरक्षा परिषद में विफल कर दिया गया है।' त्रिमूत्रि ने सभा के सदस्यों का आभार जताया है। भारत का मानना है कि जब से मई 2019 में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को यूएनएससी के 1267 प्रतिबंध समिति के तहत आतंकी घोषित किया गया है तब से ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। वह अब किसी न किसी तरह से भारत को निशाना बनाना चाहता है।
एक को बनाया आर्मी स्कूल का हमले आरोपी
जुलाई माह में पाकिस्तान यूएनएससी के स्थायी सदस्य और इसके सगे चीन की मदद से 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत दो भारतीयों को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने का प्रस्ताव पेश किया था। पाकिस्तान ने इन भारतीयों पर बलूचिस्तान और पेशावर में आतंकी हमलों का आरोप लगाया था। यहां तक कि इनके खिलाफ एफआईआर तक दर्ज कर ली गई है। इसके साथ ही पाकिस्तान ने कोशिश की कि वह चार भारतीयों को ग्लोबल टेररिस्ट्स घोषित करा दे। ये चारों अफगानिस्तान में काम कर रहे थे लेकिन अब भारत वापस आ गए हैं। अंगारा, काबुल के बैंक में सॉफ्टवेयर डेवलपर के तौर पर काम कर रहे थे। पाक ने उन पर आरोप लगाया है कि वह 13 फरवरी 2017 को लाहौर के मॉल रोड पर हुए आतंकी हमले में शामिल थे। पाक के मुताबिक अंगारा ने तहरीक-ए-तालिबान से अलग होकर बने आतंकी संगठन जमात-उल-अहरार के साथ मिलकर हमले को अंजाम दिया। पाक की तरफ से यूएनएसी की प्रतिबंध समिति को एक डॉजियर सौंपा गया। इसमें अंगारा को 16 दिसंबर 2014 को पेशावर के आर्मी स्कूल पर हुए आतंकी हमलों का आरोपी भी बताया गया है। वहीं दुग्गीवालासा, अफगानिस्तान में कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोजेक्ट्स से जुड़ी कंपनी के मुखिया के तौर पर काम कर रहे थे। पाक ने इन पर 13 जुलाई 2018 को राजनेता सिराज रायसैनी पर हमले का आरोप लगाया है। बलूचिस्तान के मस्टांग में हुए हमले में 160 लोगों की मौत हो गई थी।