नई दिल्ली। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने विवादित क्षेत्र पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के गिलगित-बाल्टिस्तान के लोगों को मौलिक मानवाधिकार समेत ज्यादा अधिकार देने के लिए एक कानून लागू करने का आदेश दिया, जिसके बाद भारत ने कड़ी आपत्ति व्यक्त की है। भारत के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को पाकिस्तान के उप उच्चायुक्त को तलब कर कड़ी आपत्ति व्यक्त की है।
पाकिस्तानी उप उच्चायुक्त को तलब कर भारत ने स्पष्ट किया है कि पूरा जम्मू-कश्मीर और कथित गिलगित बाल्टिस्तान भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और रहेगा। भारत ने कहा कि पाकिस्तान सरकार या न्यायपालिका का जबरदस्ती हड़पने और अवैध जमीन वाले हिस्सा पर कोई अधिकार नहीं है।
बता दें कि पाकिस्तान के जस्टिस साकिब निसार की अध्यक्षता में सात न्यायाधीशों की एक पीठ ने संवैधानिक मुद्दों और क्षेत्र के पिछले सुधारों के खिलाफ दायर अनेक याचिकाओं पर गुरुवार को आदेश जारी किया था, जिसमें कथित गिलगित-बाल्टिस्तान वाले हिस्सों में रह लोगों के लिए कानून लागू करने का आदेश दिया था।
गिलगित-बाल्टीस्तान, कश्मीर घाटी के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में हिमालय की वादियों में स्थित है। पाकिस्तान ने वर्ष 1947 में हुए बंटवारे के बाद से ही इस पर अपना कब्जा कर रखा है। गिलगित-बाल्टीस्तान, आजादी से पहले जम्मू-कश्मीर की रियासत के तहत आते थे।