गणतंत्र दिवस से पहले पाकिस्तान की नापाक हरकत, अफगान लड़ाकों समेत 300 आतंकी घुसपैठ को तैयार
नई दिल्ली- गणतंत्र दिवस के आसपास भारत में दहशत मचाने के लिए पाकिस्तान ने बहुत गहरी साजिश रची है। जानकारी के मुताबिक पीओके में करीब 300 आतंकी जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ करने के लिए तैयार बैठे हैं। सबसे खौफनाक जानकारी ये है कि इन आतंकियों में बहुत बड़ी संख्या उन अफगान लड़ाकों की भी है जिन्हें अफगान युद्ध से खाली होने के बाद पाकिस्तानी सेना और आईएसआई ने खासकर भारत में दहशत फैलाने के लिए भर्ती किया है। इन सब खबरों के बीच जानकारी ये भी मिल रही है कि जम्मू-कश्मीर में कड़ी सुरक्षा इंतजामों की वजह से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी भारत की सीमावर्ती इलाकों में ड्रोन हमले की साजिश रचने की कोशिश कर सकता है।
60 अफगान लड़ाकों समेत 300 आतंकी घुसपैठ के इंतजार में
सूत्रों के हवाले से जानकारी मिल रही है कि पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर में आतंकी लॉन्च पैड्स पर पाकिस्तान ने 300 आतंकवादियों को तैयार कर रखा है, जो मौका मिलते ही भारत में घुसपैठ की कोशिश करेंगे। सूत्रों से ये भी पता चला है कि इन आतंकियों में कई अफगानी लड़ाके भी हैं, जो अफगान में जारी लड़ाई से मुक्त हुए हैं। इन सूचनाओं के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रख दिया गया है, क्योंकि आतंकियों की घुसपैठ के इंतजार में बैठे होने की खबरें तब आई हैं, जब देश में 26 जनवरी की तैयारियां चल रही हैं। सबसे बड़ी जानकारी तो ये है कि इस बार भारत में दहशत मचाने के लिए पाकिस्तानी सेना ने अफगान युद्ध में हाथ आजमा चुके करीब 60 अफगान लड़ाकों की भी भर्ती की है। एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा है कि, 'इस समय अफगानी आतंकी कश्मीर की शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा हो सकते हैं। कुछ विदेशी आतंकी तो पहले ही दाखिल हो चुके हैं। वे बहुत खतरनाक लड़ाके हैं, इसलिए उनका शामिल होना बहुत बड़ी चिंता की बात है।' अधिकारी के मुताबिक जो आतंकी अफगान युद्ध से फ्री हो रहे हैं, पाकिस्तान की कोशिश उसे कश्मीर में ढकेलने की है।
ड्रोन हमले की भी है आशंका
सूत्रों की मानें तो जम्मू-कश्मीर में इस वक्त सुरक्षा व्यवस्था की सख्ती को देखते हुए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ड्रोन हमले की भी कोशिशें कर सकता है। एक बड़े सुरक्षा सूत्र से पता चला है कि हाल में सऊदी अरब और अमेरिका की ओर से ईरान में हुए ड्रोन हमलों ने सुरक्षा बलों की चिंताएं बढ़ा रखी हैं। हालांकि, इन्हीं चुनौतियों से निपटने के लिए बीएसएफ की निगरानी वाली पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान से लगी 1,900 किलोमीटर इलाके में काफी कुछ इंतजाम किए जा रहे हैं, जिसपर खुद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की नजर है। सूत्रों ने बताया कि अमित शाह ने इस बात पर जोर दिया है कि, 'सुरक्षा बल हर हाल में घुसपैठ रोकें, इसलिए गृह मंत्रालय के बॉर्डर मैनेजमेंट विभाग की ओर से बड़ा अभियान शुरू किया गया है। '
संदिग्ध ड्रोन को मार गिराने का आदेश
पाकिस्तान से सटे सीमावर्ती इलाकों में एंटी-ड्रोन टेक्नोलॉजी लगाने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय वेंडर्स को भी बुलाया गया है और बीएसएफ ने फिल्ड ट्रायल भी किया है। सूत्रों का कहना है कि सीमा की पुख्ता चौकसी के लिए बीएसएफ को लीनियर एंटी-ड्रोन टेक्नोलॉजी की दरकार है। अभी तक उसके पास जितने भी इस तरह की तकनीक ट्रायल के लिए दिए गए हैं, उससे वह संतुष्ट नहीं है। ऐसी स्थिति में बीएसएफ ने अपने जवानों से कहा है कि अगर कोई संदिग्ध ड्रोन दिखता है तो उसे मार कर गिरा दें। हालांकि, किसी ड्रोन हमले की स्थिति में उसका पता लगाने और बेअसर करने के लिए एयरफोर्स नोडल एजेंसी है।